मंत्रियों के टिकट कटे, नए चेहरों पर भरोसा… बीजेपी की पहली लिस्ट की बड़ी बातें – Important points from BJP first list assembly election 2025 ntc

मंत्रियों के टिकट कटे, नए चेहरों पर भरोसा… बीजेपी की पहली लिस्ट की बड़ी बातें – Important points from BJP first list assembly election 2025 ntc


बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपनी पहली उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. पार्टी ने इस लिस्ट में जातीय और सामाजिक संतुलन साधने की पूरी कोशिश की है.

भाजपा ने सीतामढ़ी सीट से मिथिलेश कुमार का टिकट काटकर सुनील कुमार पिंटू को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं, रीगा सीट पर मंत्री मोतीलाल प्रसाद की जगह बैद्यनाथ प्रसाद को टिकट मिला है. इसी तरह गौरा बोराम से स्वर्णा सिंह का टिकट भी काटा गया है.

पहली लिस्ट से सधा जातीय समीकरण

बीजेपी की पहली सूची में 20 ओबीसी, 11 अतिपिछड़ा, 8 महिलाएं और 6 एससी-एसटी उम्मीदवार शामिल किए गए हैं. पार्टी का दावा है कि इस सूची में 50% से अधिक टिकट दलित, वंचित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और महिला वर्ग को दिए गए हैं.

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सामाजिक समीकरण को साधने के लिए पार्टी ने भूमिहार समाज से 11, ब्राह्मण से 7, राजपूत से 15 और कई कायस्थ उम्मीदवारों को भी उतारा है. नई लिस्ट में कई नए चेहरों को भी जगह दी गई है- खासकर कुम्हरार, पटना साहिब, राजनगर और औरंगाबाद जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर.

इन विधायकों का कटा टिकट

बता दें कि बीजेपी ने मिथिलेश कुमार का टिकट काटा है. उनकी जगह सीतामढ़ी सीट से सुनील कुमार पिंटू को उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा बीजेपी ने अपने मंत्री मोतीलाल प्रसाद का टिकट काटा है. रीगा सीट पर उनकी जगह बैद्यनाथ प्रसाद को उम्मीदवार बनाया गया है. साथ ही भाजपा ने गौरा बोराम से स्वर्णा सिंह का टिकट काटा है.

गठबंधन की सीटों पर भी कसा शिकंजा

भाजपा की इस पहली लिस्ट के साथ ही गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे और चेहरों की तस्वीर काफी हद तक साफ हो गई है. सूत्रों के अनुसार, एनडीए में सीट शेयरिंग फार्मूला तय होने के बाद यह चर्चा थी कि दानापुर, अरवल, हिसुआ, लालगंज और तारापुर सीटें चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के खाते में जा सकती हैं. लेकिन बीजेपी ने इन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.

इसके विपरीत, बीजेपी ने उन सीटों पर उम्मीदवारों का नाम घोषित नहीं किया जो जेडीयू या एलजेपी (आर) के हिस्से में जानी हैं. इनमें ब्रह्मपुर, कहलगांव, बखरी और गोविंदगंज जैसी सीटें शामिल हैं.

बीजेपी की पहली सूची से इतना तो साफ है कि पार्टी ने इस बार अपने परंपरागत वोट बैंक और मजबूत इलाकों पर पकड़ बनाए रखने की रणनीति अपनाई है. साथ ही, नए और पुराने चेहरों का संतुलन साधते हुए गठबंधन में अपनी स्थिति मजबूत रखने की कोशिश भी की है.

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