Budhwar Upay: बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा कैसे करें? जानिए पूजा विधि, भोग, मंत्र और आरती

Budhwar Upay: बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा कैसे करें? जानिए पूजा विधि, भोग, मंत्र और आरती


गणेश जी हिंदू धर्म के प्रमुख देवता हैं, जिन्हें विघ्नहर्ता (बाधाओं को दूर करने वाला) माना जाता है, और वे शिव और पार्वती के पुत्र हैं. उन्हें ज्ञान, बुद्धि, कला और विज्ञान के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है और किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले उनकी पूजा की जाती है. हाथी जैसा सिर, एक दांत और बड़ा पेट उनकी प्रमुख पहचान है.

गणेश जी हिंदू धर्म के प्रमुख देवता हैं, जिन्हें विघ्नहर्ता (बाधाओं को दूर करने वाला) माना जाता है, और वे शिव और पार्वती के पुत्र हैं. उन्हें ज्ञान, बुद्धि, कला और विज्ञान के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है और किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले उनकी पूजा की जाती है. हाथी जैसा सिर, एक दांत और बड़ा पेट उनकी प्रमुख पहचान है.

बुधवार को भगवान गणेश की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि वे बुद्धि, समृद्धि और बाधाओं को दूर करने वाले देवता हैं, और बुध ग्रह उनके कारक देव माने जाते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, जिस दिन माता पार्वती ने गणेश जी को उत्पन्न किया था, उस दिन बुध देव भी कैलास में उपस्थित थे. इसी कारण बुध ग्रह के प्रतिनिधि दिन बुधवार को गणेश जी की पूजा विशेष रूप से की जाती है.

बुधवार को भगवान गणेश की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि वे बुद्धि, समृद्धि और बाधाओं को दूर करने वाले देवता हैं, और बुध ग्रह उनके कारक देव माने जाते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, जिस दिन माता पार्वती ने गणेश जी को उत्पन्न किया था, उस दिन बुध देव भी कैलास में उपस्थित थे. इसी कारण बुध ग्रह के प्रतिनिधि दिन बुधवार को गणेश जी की पूजा विशेष रूप से की जाती है.

बुधवार को भगवान गणेश की पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और हरे वस्त्र पहनें. इसके बाद एक चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें. आप चाहें तो श्री गणेश यंत्र की स्थापना भी कर सकते हैं. गणेश जी को स्नान कराकर लाल सिंदूर का तिलक लगाएं.

बुधवार को भगवान गणेश की पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और हरे वस्त्र पहनें. इसके बाद एक चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें. आप चाहें तो श्री गणेश यंत्र की स्थापना भी कर सकते हैं. गणेश जी को स्नान कराकर लाल सिंदूर का तिलक लगाएं.

बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है और बुध ग्रह के शुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं। यह दिन बुद्धि, व्यापार और वाणी के कारक ग्रह बुध से भी संबंधित है, इसलिए इस दिन गणेश जी की पूजा से इन क्षेत्रों में लाभ होता है. इसके अलावा, यह धन और समृद्धि लाता है और मनोकामनाएं पूरी करता है.

बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है और बुध ग्रह के शुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं। यह दिन बुद्धि, व्यापार और वाणी के कारक ग्रह बुध से भी संबंधित है, इसलिए इस दिन गणेश जी की पूजा से इन क्षेत्रों में लाभ होता है. इसके अलावा, यह धन और समृद्धि लाता है और मनोकामनाएं पूरी करता है.

बुधवार को भगवान गणेश की आरती करने के लिए, सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और गणेश जी की तस्वीर या मूर्ति के सामने एक दीया, धूप और भोग (जैसे मोदक) रखें. फिर, गणेश जी की आरती

बुधवार को भगवान गणेश की आरती करने के लिए, सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और गणेश जी की तस्वीर या मूर्ति के सामने एक दीया, धूप और भोग (जैसे मोदक) रखें. फिर, गणेश जी की आरती “जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा” गाएं, जिसमें माता पार्वती और पिता महादेवा का उल्लेख हो. आप आरती के साथ “ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय…” मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.

बुधवार को भगवान गणेश को मोदक, गुड़, दूर्वा और हरे रंग की वस्तुएं जैसे हरी मूंग या हरा चारा अर्पित करना चाहिए. मोदक और दूर्वा चढ़ाने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं, गुड़ चढ़ाने से धन-धान्य की वृद्धि होती है और हरी वस्तुओं का दान करने से करियर में तरक्की मिलती है.

बुधवार को भगवान गणेश को मोदक, गुड़, दूर्वा और हरे रंग की वस्तुएं जैसे हरी मूंग या हरा चारा अर्पित करना चाहिए. मोदक और दूर्वा चढ़ाने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं, गुड़ चढ़ाने से धन-धान्य की वृद्धि होती है और हरी वस्तुओं का दान करने से करियर में तरक्की मिलती है.

Published at : 15 Oct 2025 07:30 AM (IST)



Source link

Leave a Reply