बिहार की राजनीति में एक और बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. जदयू विधायक गोपाल मंडल ने पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा कि उनका टिकट काट दिया गया है, इसलिए अब उनका जनता दल यूनाइटेड से कोई संबंध नहीं है.
गोपाल मंडल ने साफ कहा कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरेंगे और जीतने के बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही अपना नेता मानेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को उनका साफ बोलना पसंद नहीं आया, इसीलिए उनका टिकट काट दिया गया.
मंडल ने कहा, ‘मैं सही बात हमेशा मुंह पर कहता हूं, इसी वजह से कुछ लोगों को मैं रास नहीं आया. टिकट काटने के बावजूद मैं नीतीश कुमार का सम्मान करता हूं और चुनाव जीतकर उन्हीं को समर्थन दूंगा.’
तीन-चार नेताओं ने उनका टिकट कटवाया
गोपाल मंडल मंगलवार को टिकट कटने की अटकलों के बीच पटना स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर धरने पर बैठ गए थे. गोपाल मंडल ने चार घंटे तक मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन किया, लेकिन वहां मौजूद पार्टी के कुछ बड़े नेताओं की वजह से उन्हें नीतीश कुमार से मिलने नहीं दिया गया. मंडल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के करीबी तीन-चार नेताओं ने उनका टिकट कटवाया है.
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उन्होंने कहा था, मैं सुबह साढ़े आठ बजे से सीएम आवास के बाहर हूं. मुख्यमंत्री को मेरे धरने की जानकारी दी जा चुकी है. जब तक मुझे टिकट नहीं मिलेगा, मैं यहां से नहीं हटूंगा. अगर लाठी भी चले तो भी मैं यहीं रहूंगा.
समर्थकों के साथ सीएम आवास पहुंचे थे गोपाल मंडल
गोपाल मंडल अपने समर्थकों के साथ सीएम आवास पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है पार्टी उन्हें दोबारा टिकट देगी. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ नेता उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं, इसलिए वे सीधे नीतीश कुमार से बात करना चाहते हैं.
हालांकि, सीएम से मुलाकात न हो पाने के बाद वे वहीं धरने पर बैठ गए थे. मंडल ने साफ कहा था कि वे नीतीश कुमार से नाराज नहीं हैं, बल्कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं से असंतुष्ट हैं. उनके समर्थकों ने भी मौके पर नारेबाजी कर उनके समर्थन में माहौल गर्म कर दिया.
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शुभम निराला की रिपोर्ट