ब्रिटेन ने रूस की तेल कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, भारत की इस कंपनी पर लिया भी एक्शन – uk sanctions russia oil companies china nayara energy ntc

ब्रिटेन ने रूस की तेल कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, भारत की इस कंपनी पर लिया भी एक्शन – uk sanctions russia oil companies china nayara energy ntc


ब्रिटेन ने रूस के तेल व्यापार को सीमित करने के लिए कई कंपनियों और संस्थाओं पर नई पाबंदियां लागू की हैं, जिसमें भारत की निजी तेल रिफाइनरी नायरा एनर्जी लिमिटेड भी शामिल है. ब्रिटेन सरकार ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि युक्रेन से युद्ध के बीच राष्ट्रपति पुतिन के वित्तीय संसाधनों को कमजोर किया जा सके.

नायरा एनर्जी भारत में करीब 6500 से अधिक पेट्रोल पंप ऑपरेट करती है, जिसकी देश में हिस्सेदारी 7 से 8 फीसदी है.

विदेश, कॉमनवेल्थ और विकास कार्यालय (FCDO) ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि नए प्रतिबंधों का मकसद पुतिन की युद्ध फंडिंग के केंद्र को निशाना बनाना है. ये प्रतिबंध रूस को वैश्विक ऊर्जा बाजारों तक पहुंच सीमित करने और तेल राजस्व को रोकने में मदद करेंगे. FCDO ने कहा, “आज का कदम दिखाता है कि सरकार पुतिन के राजस्व स्रोतों को काटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, इसमें रूसी कंपनियों और उनके वैश्विक मददगार शामिल हैं.”

ब्रिटेन के नए प्रतिबंधों की लिस्ट में चीन में चार तेल टर्मिनल, रूस के कच्चे तेल ले जाने वाले 44 टैंकर और भारत की नायरा एनर्जी शामिल हैं. यूके का दावा है कि नायरा ने 2024 में रूस से 100 मिलियन बैरल तेल आयात किया, जिसकी कीमत 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है.

नई पाबंदियों में थाईलैंड, सिंगापुर, तुर्की और चीन की कंपनियां भी शामिल हैं, जिन पर आरोप है कि वे रूस की सैन्य आपूर्ति श्रृंखला में इलेक्ट्रॉनिक घटक मुहैया कराती हैं, जो यूक्रेन के खिलाफ दागे जा रहे ड्रोनों और मिसाइलों में इस्तेमाल होते हैं.

रूसी की दिग्गज कंपनियों पर एक्शन

नई पाबंदियों का असर सीधे रूस की प्रमुख तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर भी पड़ेगा. यूके सरकार के अनुसार, रोसनेफ्ट अकेले रूस के तेल उत्पादन का लगभग आधा हिस्सा और वैश्विक उत्पादन का 6 प्रतिशत नियंत्रित करता है. ब्रिटेन की विदेश सचिव इवेट कूपर ने संसद में कहा, “इस अहम समय पर यूरोप दबाव बढ़ा रहा है. यूके और हमारे सहयोगी पुतिन के तेल, गैस और शैडो फ्लीट पर कार्रवाई कर रहे हैं और तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक वह अपने युद्ध प्रयासों को छोड़ नहीं देते.”

ब्रिटेन ने यह घोषणा रूस के ऊर्जा हफ्ते (Russian Energy Week) के दौरान की, जिसमें पुतिन गैर-पश्चिमी देशों को अपने ऊर्जा निर्यात को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं. FCDO ने कहा कि ये प्रतिबंध रूस के तेल और गैस के नए बाजार तलाशने के प्रयासों को कमजोर करने के लिए हैं. इसके अलावा, तीसरे देशों में परिष्कृत तेल उत्पादों के आयात पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जो रूसी कच्चे तेल से बने हैं.

नायरा एनर्जी का बयान

नायरा एनर्जी, जो गुजरात के वडिनार में भारत का दूसरा सबसे बड़ा निजी रिफाइनरी संचालित करती है, ने कहा कि कंपनी पूरी तरह भारत के कानून और नियमों का पालन करती है. कंपनी ने यूरोपीय संघ की पिछले प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए इसे बेहूद और भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करार दिया.

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