भारत में चिप मॉड्यूल बनने हुए शुरू, इस अमेरिकी कंपनी को भेजी गई पहली शिपमेंट

भारत में चिप मॉड्यूल बनने हुए शुरू, इस अमेरिकी कंपनी को भेजी गई पहली शिपमेंट



भारत में बने पहले मल्टी-चिप मॉड्यूल (MCM) को अमेरिका की अल्फा एंड ओमेगा सेमीकंडक्टर्स (AOS) कंपनी को भेजा गया है. बुधवार को साणंद स्थित Kaynes Semicon के प्लांट से यह करीब 900 इंटेलीजेंट पावर मॉड्यूल (IPM) अमेरिका की पावर सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनी में भेजे गए हैं. बता दें कि साणंद प्लांट को इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन 1.0 के तहत केंद्र सरकार ने 1600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है.

क्या होता है IPM?

IPM एक सेमीकंडक्टर डिवाइस होता है, जो पावर स्विचिंग एलीमेंट्स को अपने ड्राइव और प्रोटेक्शन सर्किट को सिंगल पैकेज में इंटीग्रेट करता है. इससे मोटर कंट्रोल और दूसरी पावर एप्लिकेशन आसान हो जाती है. बता दें कि IPM का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के अलावा उन जगहों पर होता है, जहां ज्यादा रिलायबिलिटी और सेफ्टी की जरूरत होती है. साणंद प्लांट में इसका प्रोडक्शन इसी साल अप्रैल में शुरू हुआ था. 

यह अपनी तरह का पहला पैकेज

इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, Kaynes Semicon के सीईओ रघु पैनिकर ने बताया कि यह अपनी तरह का पहला मॉड्यूल है, जिसमें 17 डाई, 6 IGBT, 2 कंंट्रोलर IC, 6 FRD और 3 डायोड हैं, जो इसे अपने डोमेन का सबसे एडवांस मॉड्यूल बनाता है. आमतौर पर कंपनियां सिंगल डाई पैकेजिंग करती है, लेकिन हमने मल्टी-चिप मॉड्यूल तैयार किया है. उन्होंने कहा कि उनका प्लांट अभी रोजाना 3,000 पीस तैयार कर सकता है और अगले महीने एक और शिपमेंट भेजी जाएगी. 

अगले साल तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा प्लांट

Kaynes का साणंद प्लांट अभी पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है. पूरी तरह ऑपरेशनल होने पर यह रोजाना 63 लाख चिप तैयार कर सकेगा. जनवरी, 2026 में यहां मास प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद है और शुरुआती कुछ महीनों में प्रोडक्शन को बढ़ाकर रोजाना 15 लाख चिप तक ले जाया जाएगा. बता दें कि AOS के साथ हुए समझौते के तहत Kaynes को अमेरिकी कंपनी को पांच सालों तक हर साल एक करोड़ चिप डिलीवर करनी होगी. 

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