Second heart in human body: शरीर में कहां होता है दूसरा दिल? फटाफट जान लीजिए जवाब

Second heart in human body: शरीर में कहां होता है दूसरा दिल? फटाफट जान लीजिए जवाब



Calf muscles heart function: हमने बचपन से पढ़ा है कि हमारे शरीर में एक हार्ट होता है, जो इंसान के शरीर में सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. जब तक यह धड़कता है, इंसान चलता है. जैसे ही यह धड़कना बंद करता है, इंसान की जिंदगी खत्म हो जाती है. इसका काम पूरे शरीर में खून को पंप करना होता है. हार्ट को लेकर तमाम तरह के सवाल सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं, जिनमें से एक है “क्या इंसान के शरीर में दो दिल होते हैं?”. यह सवाल सुनने में बड़ा अजीब लगता है कि क्या सच में दो दिल होते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि इसके पीछे क्या सच्चाई है.

इंसान का दिल

अगर दिल की बात करें तो इंसान के शरीर में एक ही असली दिल होता है, जो सीने में मौजूद होता है. यह पंप की तरह काम करता है और खून को पूरे शरीर में दौड़ाता है. एक सामान्य इंसान का दिल रोज़ाना लगभग 1 लाख बार धड़कता है और करीब 7000 से 8000 लीटर खून पंप करता है. यह अंग जीवन का आधार है और इसके बिना शरीर काम नहीं कर सकता.

इंसान का दूसरा दिल

डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इंसान के शरीर में “दूसरे दिल” का मतलब हार्ट जैसा दूसरा अंग नहीं होता, बल्कि यह एक तरह की उपमा है. पैर के हिस्से में काफ मसल्स को दूसरा दिल कहा जाता है. काफ मसल्स यानी पिंडलियों की मांसपेशियां हमारे खून को पैरों से ऊपर दिल तक पहुंचाने में मदद करती हैं. जब हम चलते हैं या दौड़ते हैं, तो ये मसल्स सिकुड़कर खून को नसों के जरिए ऊपर की ओर धकेलती हैं. चूंकि यह काम दिल जैसा ही है यानी खून को पंप करना, यही कारण है कि काफ मसल्स को “सेकंड हार्ट” कहा जाता है. इसे दूसरा दिल इसलिए कहा जाता है क्योंकि जब आप लंबे समय तक खड़े रहते हैं, तो खून पैरों की नसों में जमा होने लगता है. ऐसे में काफ मसल्स का मूवमेंट खून को ऊपर की ओर पंप करने में मदद करता है. अगर यह प्रक्रिया सही से न हो, तो पैरों में सूजन, दर्द और वैरिकोज वेन्स जैसी बीमारियां हो सकती हैं.

कैसे रख सकते हैं दूसरे दिल को स्वस्थ

अगर आप अपने दूसरे दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो रोज़ाना पैदल चलें और जॉगिंग करें. लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का चयन करें, इससे काफ मसल्स को मजबूती मिलती है. कोशिश करें कि लंबे समय तक एक ही पोजीशन में खड़े या बैठे न रहें, इससे इन पर असर पड़ता है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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