सबरीमाला कांड: देवताओं के नाम पर हुई सोने की ठगी, एसआईटी रिपोर्ट ने खोला राज – sabarimala gold row accused misappropriated from deity idols opnm2

सबरीमाला कांड: देवताओं के नाम पर हुई सोने की ठगी, एसआईटी रिपोर्ट ने खोला राज – sabarimala gold row accused misappropriated from deity idols opnm2


केरल में आस्था और भक्ति के प्रतीक सबरीमाला मंदिर से जुड़ा एक मामला अब घोटाले में बदल गया है. विशेष जांच दल (एसआईटी) की ताजा रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि मंदिर के पुजारी के सहायक रहे उन्नीकृष्णन पोट्टी ने साल 2019 में द्वारपालक देवताओं की मूर्तियों से लगभग दो किलो सोना गबन किया था. आरोपी ने खुद को मरम्मत और इलेक्ट्रोप्लेटिंग के नाम पर कार्य की अनुमति दिलाई. 

रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने दावा किया कि वो मूर्तियों की परत चढ़ाने का खर्च खुद उठाएगा, लेकिन ये उसकी साजिश थी. एसआईटी अधिकारी एस. शशिधरन ने शुक्रवार को रन्नी की न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अदालत में रिमांड रिपोर्ट पेश की, जिसके बाद अदालत ने आरोपी को 30 अक्टूबर तक एसआईटी की हिरासत में भेज दिया. आरोपी साला 2004 से 2008 के बीच सहायक पुजारी रहा था. 

उन्नीकृष्णन पोट्टी को पहले से यह जानकारी थी कि द्वारपालक मूर्तियों की तांबे की प्लेटें सोने से मढ़ी हुई हैं. 1998 में उसे यह रहस्य पता चला था. इस जानकारी का इस्तेमाल उसने धोखाधड़ी और आर्थिक लाभ कमाने के लिए किया. एसआईटी रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी इस हरकत से त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) को भारी आर्थिक नुकसान हुआ. साल 2019 में उसने मरम्मत कार्य का  आवेदन किया था.

एसआईटी की जांच में सामने आया है कि मूर्तियों की प्लेटें हटाने के बाद आरोपी पोट्टी ने उन्हें कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और अंत में चेन्नई के अंबत्तूर स्थित स्मार्ट क्रिएशंस नामक वर्कशॉप तक पहुंचाया. वहां सोने से मढ़ी तांबे की प्लेटों से सोना निकालकर अवैध रूप से हड़प लिया गया. लोगों को शक न हो इसिलए केवल 394.9 ग्राम सोने की नकली परत चढ़ा दी गई. उस वक्त पता भी नहीं चला.

रिपोर्ट के अनुसार, उन्नीकृष्णन पोट्टी ने इन नकली प्लेटों को सबरीमाला मंदिर लौटाने से पहले कई स्थानों पर प्रदर्शित भी किया, जो मंदिर की परंपरा के सख्त खिलाफ था. सोना निकालने के बाद आरोपी ने दूसरे दानदाताओं से भी परत चढ़ाने के लिए सोना इकट्ठा किया, लेकिन उस सोने का भी पूरा इस्तेमाल निर्धारित उद्देश्य के लिए नहीं किया गया. उसने भक्ति के नाम पर श्रद्धालुओं को ठगा. 

इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2019 में इलेक्ट्रोप्लेटिंग के बाद द्वारपालक प्लेटों को बिना किसी सुरक्षा के पूजा के लिए चेन्नई, बेंगलुरु और केरल के कई मंदिरों और घरों में ले जाया गया. यह सब मंदिर की परंपरा और सुरक्षा प्रोटोकॉल का घोर उल्लंघन था. गुरुवार को सूचना मिली कि उन्नीकृष्णन पोट्टी फरार हो सकता है. जब उससे संपर्क किया गया, तो उसका मोबाइल फोन बंद मिला. 

अदालत ने जांच पूरी करने की समयसीमा तय की थी, इसलिए एसआईटी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोपहर करीब 12 बजे पोट्टी को उसके घर से हिरासत में ले लिया. एसआईटी ने उन्नीकृष्णन पोट्टी समेत 10 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 403 (संपत्ति का गबन), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 466 (दस्तावेजों की जालसाजी) और 467 (मूल्यवान प्रतिभूति की जालसाजी) के तहत मामला दर्ज किया है.

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