
आजकल बहुत से लोग ओवरथिंकिंग की परेशानी से जूझ रहे हैं। ओवरथिंकिंग का मतलब है किसी भी बात पर जरूरत से ज्यादा और लंबे समय तक सोचना। कई बार यह आदत डर की वजह से होती है। इसके अलावा चिंता, तनाव, असमंजस, असुरक्षा या किसी उलझन भरी स्थिति में भी लोग ज़रूरत से ज़्यादा सोचने लगते हैं. ऐसे में प्रेमानंद जी महाराज की सलाह आपके काम आ सकती है. आइए जानते हैं उनके बताए उपाय के बारे में.

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अगर मन बार-बार उलझे हुए विचारों में भटकता है, तो ध्यान और मंत्र जाप सबसे अच्छा उपाय है. रोज़ थोड़ा समय ध्यान में लगाने और मंत्र जप करने से मन शांत होता है और नकारात्मक सोच दूर होने लगती है.

महाराज जी बताते हैं कि जब मन बेचैन हो या दिमाग में बहुत से विचार घूम रहे हों, तो ‘राधा’ नाम का जाप करें. यह नाम मन को हल्का करता है और भीतर सुकून का एहसास कराता है.

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, अपनों के साथ समय बिताना ओवरथिंकिंग को दूर करने का सबसे सरल तरीका है. परिवार या दोस्तों से बात करने से मन का बोझ कम होता है और रिश्तों में प्यार और सकारात्मकता बढ़ती है.

प्रेमानंद महाराज सलाह देते हैं कि चिंता या तनाव की बात मन में नहीं रखें. अपने करीबी लोगों से खुलकर बात करें. ऐसा करने से मन हल्का होता है. तनाव धीरे-धीरे कम हो जाता है.

प्रेमानंद जी कहते हैं कि हम सब ईश्वर के बच्चे हैं. इसलिए हमें किसी से डरने की ज़रूरत नहीं है. भगवान हमेशा अपने बच्चों की रक्षा करते हैं. इसलिए हर दिन भगवान का नाम लें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें.

महाराज जी के अनुसार, ओवरथिंकिंग कमजोरी नहीं है, बल्कि यह मन की अस्थिरता है. नियमित ध्यान और भक्ति से मन दोबारा संतुलित हो जाता है. इससे सोच स्पष्ट होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे ओवरथिंकिंग पर काबू पाना आसान हो जाता है.
Published at : 18 Oct 2025 03:00 AM (IST)