Ayodhya Deepotsav LIVE: ‘उन्होंने गोलियां चलवाईं, हम दीप जला रहे’, अयोध्या से CM योगी का सपा पर निशाना – Ayodhya Deepotsav 2025 Live Updates Coronation of Shri Ram CM Yogi Adityanath Saryu River ntc

Ayodhya Deepotsav LIVE: ‘उन्होंने गोलियां चलवाईं, हम दीप जला रहे’, अयोध्या से CM योगी का सपा पर निशाना – Ayodhya Deepotsav 2025 Live Updates Coronation of Shri Ram CM Yogi Adityanath Saryu River ntc


रामनगरी अयोध्या में 9वें दीपोत्सव की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. राम की पैड़ी समेत सरयू तट पर बने 56 घाटों पर 28 लाख से अधिक दीप सजाए गए हैं. इनमें 26 लाख 11 हजार 101 प्रज्वलित दीयों का कीर्तिमान स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम यहां पहुंच चुकी है. सूर्यास्त होते ही दीये प्रज्वलित कर दिए जाएंगे.

इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंचे. उन्होंने यहां पुष्पक विमान रूपी हेलीकॉप्टर से राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के स्वरूपों का रामकथा पार्क हेलीपैड पर अगवानी की. यहां राम जानकी की वंदना के साथ भरत मिलाप भी हुआ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामकथा पार्क के मंच पर श्रीराम का राजतिलक किया. श्रीराम राज्याभिषेक समारोह के दौरान रामकथा पार्क जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा. सीएम योगी ने श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और गुरु वशिष्ठ का भी तिलक कर माल्यार्पण किया और आरती उतारी.

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अयोध्या दीपोत्सव के अवसर पर बोलते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘ये दीपक केवल दीपक नहीं हैं; ये दीपक 500 वर्षों के अंधकार पर आस्था की विजय के प्रतीक भी हैं. ये दीपक इस बात के प्रतीक हैं कि उन 500 वर्षों में हमें किस प्रकार का अपमान सहना पड़ा और हमारे पूर्वजों को किस प्रकार के संघर्ष करने पड़े. उस समय भगवान श्री राम एक तंबू में विराजमान थे और अब, जब दीपोत्सव का 9वां संस्करण मनाया जा रहा है, भगवान राम अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हैं.’

अयोध्या के श्री रामकथा पार्क में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन का प्रारंभ जय श्रीराम और सरयू मैया की जय के नारों से किया. उन्होंने सभी सनातनियों को दीपोत्सव 2025 की बधाई दी. सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या एक ऐसी नगरी है, जहां धर्म मानव स्वरूप में उत्पन्न हुआ है. उन्होंने कहा कि हमने 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव का शुभारंभ किया और सभी के सहयोग से दीपोत्सव की परंपरा प्रारंभ हुई. आज यह आयोजन अपनी भव्यता के लिए जाना जाने लगा है.

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