दिवाली के दिन दिल्ली और एनसीआर की हवा एक बार फिर जहर में बदल गई. सुप्रीम कोर्ट की ओर से कई साल बाद ग्रीन पटाखों की सीमित अनुमति मिलने के बाद राजधानी ने त्योहार की सुबह घने धुएं और स्मॉग की परत के साथ आंखें खोलीं.
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, दिल्ली में लगे 38 सेंसरों में से 31 ने हवा को ‘बहुत खराब’ और तीन सेंसरों ने ‘गंभीर’ स्तर पर दर्ज किया.ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से ऊपर पहुंच गया.दोपहर तक दिल्ली का औसत AQI 334 रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.’गंभीर’ श्रेणी वाले इलाकों में शामिल हैं -आनंद विहार (AQI 402), वजीरपुर (AQI 423) अशोक विहार (AQI 414)है.
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने रविवार को ही GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के स्टेज-II को सक्रिय कर दिया था, क्योंकि AQI 300 के पार चला गया. सोशल मीडिया हैंडल @CAQM_Official पर पोस्ट के अनुसार, आज दोपहर 4 बजे तक का 24 घंटे का औसत AQI ‘बहुत खराब’ स्तर पर बना हुआ है. विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की स्थिति आने वाले दो दिनों 21 और 22 अक्टूबर में और बिगड़ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट की तय सीमा में ही पटाखे, फिर भी बढ़ा प्रदूषण
सुप्रीम कोर्ट ने इस बार सिर्फ ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी थी, वो भी तय समय में 19 और 20 अक्टूबर को सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक है.
AQI का मतलब क्या है?
सरकारी मानकों के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को छह श्रेणियों में बांटा गया है. अगर AQI 0 से 50 के बीच है तो हवा को ‘अच्छा’ माना जाता है. 51 से 100 के बीच होने पर यह ‘संतोषजनक’, जबकि 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’ मानी जाती है. 201 से 300 तक का स्तर ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में गिना जाता है.
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