
टेक वेबसाइट PCMag की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर बार जब आप फोन को चार्ज करते हैं तो उसकी बैटरी का एक “चार्ज साइकिल” पूरा होता है. यही साइकिल धीरे-धीरे बैटरी की क्षमता को कम करने लगती है. इसका सबसे बड़ा कारण होता है बैटरी के अंदर मौजूद इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन. समय के साथ इसमें मौजूद नमक जमने लगते हैं जिससे ऊर्जा संचरण (ion flow) बाधित होता है.

जब आप फोन को तेज चार्जर से चार्ज करते हैं तो यह प्रक्रिया और तेजी से होती है. तेज चार्जिंग के दौरान बैटरी पर एक साथ ज़्यादा वोल्टेज पड़ता है जिससे उसकी आंतरिक संरचना (internal structure) कमजोर पड़ सकती है.

अगर लंबे समय तक हाई पावर चार्जर का इस्तेमाल किया जाए तो फोन की बैटरी ओवरहीट होकर जल्दी खराब हो सकती है. हालांकि, अब नए स्मार्टफोन्स में एडवांस बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम मौजूद होते हैं जो इस नुकसान को काफी हद तक रोक देते हैं.

पहले के फोन में हीट मैनेजमेंट की कमी थी जिसके कारण फास्ट चार्जिंग से बैटरी बहुत गर्म हो जाती थी. लेकिन अब फोन कंपनियां अपने डिवाइसेज़ में हीट शील्ड, थर्मल लेयर, और कई गेमिंग फोन्स में तो इनबिल्ट कूलिंग फैन तक दे रही हैं जिससे बैटरी पर तापमान का असर कम पड़ता है.

कई रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि बार-बार फास्ट चार्जिंग करने से बैटरी की उम्र घट सकती है. जब बैटरी पहले से पूरी चार्ज हो और फिर भी उसे बार-बार फास्ट चार्ज किया जाए तो उसके अंदर थर्मल स्ट्रेस और प्रेशर बढ़ जाता है. आधुनिक फोन इस प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए स्मार्ट चार्जिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं लेकिन लगातार ओवरचार्जिंग या तेज चार्जर के प्रयोग से बैटरी की हेल्थ पर असर पड़ना तय है.

फास्ट चार्जिंग आज की जरूरत है लेकिन इसका लगातार इस्तेमाल बैटरी की लाइफ को कम कर सकता है. अगर आप चाहते हैं कि आपका फोन लंबे समय तक चले तो कभी-कभी सामान्य चार्जिंग का इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा. ध्यान रखें तेजी से चार्ज करना सुविधाजनक ज़रूर है लेकिन धीमी चार्जिंग आपकी बैटरी के लिए ज़्यादा सुरक्षित है.
Published at : 21 Oct 2025 12:58 PM (IST)
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