पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का दिवाली संदेश खोखला साबित हुआ है. शरीफ ने दावा किया है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है और उनकी सरकार ने विशेष कदम उठाए हैं. हालांकि, पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, जबरन धर्म परिवर्तन और उत्पीड़न लगातार जारी है. कुछ दिन पहले ही पाक सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने हिंदुओं के खिलाफ नफरत भरा भाषण दिया था.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दावा किया कि अल्पसंख्यक धार्मिक स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं और उनकी सरकार ने कल्याण के लिए विशेष कदम उठाए हैं. यह दावा तब किया गया, जब पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और जबरन धर्म परिवर्तन अबाध गति से जारी हैं.
उत्पीड़न, अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की वजह से पाकिस्तान में हिंदू आबादी अब 2% से कम रह गई है.
सेना प्रमुख ने फिर छेड़ी पुरानी नफरत की बात
शहबाज शरीफ के दिवाली मैसेज से कुछ ही दिन पहले, पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने हिंदुओं के खिलाफ नफरत से भरा भाषण दिया था. उन्होंने विभाजनकारी ‘टू-नेशन थ्योरी’ को फिर से जिंदा किया. मुनीर ने यह भी जोर दिया कि बच्चों को ऐसी ‘झूठी बातें’ सिखाई जानी चाहिए.
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नफरत और सद्भाव का पाखंड…
जनरल मुनीर के नफरत भरे भाषण के बाद, शहबाज शरीफ का दिवाली कार्यक्रम में ‘सम्मान और सद्भाव’ का उपदेश देना पाकिस्तान के पाखंड को बेनकाब करता है. यह ‘सेम स्क्रिप्ट, दो अभिनेता’ जैसा है, जहां अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने पर पाकिस्तान नफरत और खोखले भावों के बीच धर्म को विदेश नीति के उपकरण के रूप में इस्तेमाल करता रहता है.
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