2 मिनट पहले
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डायरेक्टर सुभाष घई ने हाल ही में रणबीर और ऋषि कपूर के रिश्ते से जुड़े कई बाते शेयर कीं। डायरेक्टर के मुताबिक, पिता और पुत्र के नेचर में काफी अंतर था।
सुभाष घई ने कहा, “ऋषि कपूर और रणबीर कपूर दोनों अलग व्यक्तित्व के लोग हैं। जिस स्टाइल में नई पीढ़ी बड़ी होना चाहती है, पिता उसे पसंद नहीं करते और जिस तरह से पिता चाहते हैं, बच्चा उस तरह से काम नहीं करना चाहता। इसलिए दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते थे। पिता-पुत्र के बीच बहुत प्यार भी होता है, लेकिन ऋषि को लगता था कि रणबीर वेस्टर्न सिनेमा की तरफ बढ़ रहा है। अगर उसे सफलता चाहिए, तो उसे हिंदी सिनेमा में काम करना चाहिए।
सुभाष घई ने कहा कि ऋषि अक्सर उनसे अपनी बातें शेयर करते थे कि कैसे वे रणबीर को डांट देते थे। हालांकि, रणबीर कभी भी सीधे अपने पिता के सामने कुछ नहीं बोलते थे, बल्कि अपनी मां नीतू कपूर के जरिए कहते थे कि उन्हें बोलो कि मुझे अब अपना काम करने दें।

ऋषि कपूर ने सुभाष घई द्वारा निर्देशित फिल्मों ‘कर्ज’ और ‘कांची: द अनब्रेकेबल’ में काम किया है।
रणबीर बड़ों का सम्मान करना नहीं भूले: सुभाष घई
सुभाष घई ने आगे कहा कि आज की पीढ़ी काम को लेकर बहुत प्रोफेशनल है। वे अपने रोल में पूरी तरह डूब जाते हैं। रणबीर ने भी कई एक्सपेरिमेंट किए, कुछ सफल और कुछ असफल, लेकिन उन्होंने खुद को नंबर वन स्टार और एक्टिंग में नंबर वन साबित किया।
सुभाष घई ने यह भी कहा कि आज रणबीर जिस मुकाम पर पहुंच चुके हैं, अगर उनके पिता ऋषि कपूर जीवित होते, तो अपने बेटे की इस सफलता को देखकर उनका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता। सुभाष घई के अनुसार, रणबीर ने बड़ों का सम्मान करना नहीं भूले और शादी के बाद भी और अधिक मैच्योर हो गए हैं।