कौन है जितेंद्र जिसकी आतिशबाजी ने फूंक दिए 19 लोगों के घर, अग्निकांड से बेघर हुए परिवारों की आपबीती – ghaziabad diwali fire jitendra fireworks tragedy indirapuram blaze ntcpvz

कौन है जितेंद्र जिसकी आतिशबाजी ने फूंक दिए 19 लोगों के घर, अग्निकांड से बेघर हुए परिवारों की आपबीती – ghaziabad diwali fire jitendra fireworks tragedy indirapuram blaze ntcpvz


Indirapuram Diwali Fire Tragedy: दिवाली की रात रोशनी और खुशियों के बीच गाजियाबाद के इंदिरापुरम से उठी आग की लपटों ने 19 परिवारों का सबकुछ राख कर दिया. पांच मंजिला इमारत में लगी भीषण आग ने कुछ ही मिनटों में लोगों के सपनों को धुएं में बदल दिया. कहा जा रहा है कि यह आग किसी शॉर्ट सर्किट से नहीं, बल्कि एक पड़ोसी जितेंद्र की लापरवाही से लगी. नीचे पटाखे फोड़ने का उसका शौक दर्जनों लोगों के लिए बर्बादी बन गया. आग इतनी तेजी से फैली कि पूरी बिल्डिंग आग की लपटों में घिर गई. गनीमत रही कि सभी लोग जिंदा बच गए, लेकिन हर किसी की आंखों में अपने घर और सामान के जलने का मंजर अब भी ताजा है.

दिवाली पर तबाही का मंजर
गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके के शक्ति खंड-2 में बुधवार देर शाम दिवाली की खुशियां मातम में बदल गईं. प्लॉट नंबर 188 पर बनी पांच मंजिला इमारत में अचानक आग भड़क उठी. उस वक्त बिल्डिंग में करीब 19 परिवार मौजूद थे. देखते ही देखते लपटें इतनी तेज हुईं कि पूरी इमारत धुएं से भर गई. हालांकि गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई और सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन परिवारों के घर और सामान जलकर राख हो गए.

कौन है आतिशबाज जितेंद्र?
इंदिरापुरम के शक्ति खंड-2 में मौजूद प्लॉट नंबर 188 पर बनी पांच मंजिला इमारत को आग में झोंकने वाला जितेंद्र शर्मा वहीं प्लॉट नंबर 197 में रहता है. उसका वहां अपना घर है. पड़ोसियों के मुताबिक, वो यूके बेस्ड एक आईटी कंपनी के सेल्स डिपार्टमेंट में काम करता है. उसके परिवार में पत्नी और एक बेटी है. आस-पास के लोगों का कहना है कि जितेंद्र अक्सर लड़ने मरने को तैयार रहता है. वो लोगों से सीधें मुंह बात तक नहीं करता.

जलने वाली इमारत में रहने वाले पीड़ित दीपक त्यागी ने ‘आज तक’ से कहा कि इस जानलेवा घटना के लिए जिम्मेदार केवल जितेंद्र और राजीव ही नहीं, बल्कि दिल्ली के पांडव नगर में रहने वाला जितेंद्र का भाई विकास शर्मा भी है. वो घटना के वक्त उन दोनों के साथ वहां मौजूद था. दीपक त्यागी के मुताबिक, राजीव तो उनका पड़ोसी है. वो उनकी इमारत में ही सी4 फ्लैट में रहता था. घटना के बाद से ही दोनों फरार हैं. दीपक का आरोप है कि अब पुलिस इस मामले में आना कानी कर रही है.

सबसे पहले दीपक त्यागी के घर में लगी आग
स्थानीय निवासी दीपक त्यागी ने बताया कि सबसे पहले आग उनके फ्लैट में लगी थी. उनके मुताबिक, “एक पटाखा मेरे इन्वर्टर से टकराया और वहीं से आग लग गई. पास ही जितेंद्र नाम का एक आदमी रहता है जो हमारी बिल्डिंग के नीचे पटाखे फोड़ रहा था. उसके साथ बिल्डिंग का एक और व्यक्ति, राजीव भी था.” दीपक ने बताया कि उनकी चेतावनी के बावजूद दोनों ने आतिशबाजी जारी रखी, जिसके कुछ ही देर बाद हादसा हो गया.

RWA अध्यक्ष से झगड़ा और आग का तांडव
दीपक त्यागी ने आगे बताया कि RWA अध्यक्ष अशोक त्यागी ने जितेंद्र और राजीव को पटाखे जलाने से मना किया था. मगर दोनों ने उल्टा उनसे बहस और झगड़ा शुरू कर दिया. इसी बीच एक पटाखा ऊपर जाकर बालकनी में रखे इन्वर्टर से टकरा गया, जिससे आग लग गई. दीपक ने खुद आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन लपटें इतनी भयंकर थीं कि कुछ ही पलों में पूरा घर जल उठा और आग पूरी बिल्डिंग में फैल गई.

प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाई आपबीती 
हादसे को देखने वाले चशमदीदों ने बताया कि आग इतनी तेज थी कि कुछ ही मिनटों में पूरी बिल्डिंग आग की लपटों में घिर गई. ऊपरी मंजिलों तक धुआं भर गया था और लोग घबराकर अपनी जान बचाने के लिए बाहर निकलने लगे. दिवाली की आतिशबाजी का यह नतीजा किसी के लिए भी भूलने लायक नहीं था. कई लोग अपने बच्चों और बुजुर्गों को संभालते हुए इमारत से बाहर निकाले.

पीड़ितों का दर्द
दीपक त्यागी के घर में इस आग की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान होना बताया जा रहा है. वो और उनका परिवार इस सदमें से ऊबर नहीं पा रहे हैं. उनके अलावा उस पांच मंजिला इमारत में रहने वाले धीरज मलिक, यश मित्तल, संदीप कुमार, नीरज कुमार, वरुण, देवेंद्र गोयल, वीके शर्मा, केशव शर्मा, सोमेश्वर पांडे, संजय कुमार और राजीव किंद्रा आदि के घरों का सामान जलकर खाक हो गया है. ये सभी पीड़ित परिवार दुख में डूबे हैं. उनके सपनों का आशियाना चलकर खाक हो चुका है. इन सभी लोगों ने कभी सोचा भी नहीं था कि दिवाली के मौके पर इनके साथ इतनी बड़ी ट्रेजड़ी हो जाएगी. अब इमारत में रहने वाले सभी पीड़ितों का कहना है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.   

आग बुझान के लिए कड़ी मशक्कत
घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. दमकलकर्मियों ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. आग बुझाने के दौरान आसपास की इमारतों को खाली कराया गया ताकि किसी तरह की बड़ी अनहोनी न हो. हालांकि फ्लैटों में रखे फर्नीचर, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज सब आग में जलकर खाक हो गए.

होटल स्टाफ ने दिखाई बहादुरी
इमारत के सामने मौजूद रॉयल पार्क होटल के मालिक शेखर ने बताया कि उनके स्टाफ ने भी आग बुझाने में मदद की. उन्होंने होटल के फायर हाइड्रेंट सिस्टम और एबीसी, सीओ2 सिलेंडर की मदद से आग पर प्रारंभिक नियंत्रण पाया. इस दौरान उनके कुछ कर्मचारियों को हल्की चोटें भी आईं. शेखर ने बताया कि अगर समय रहते उनके स्टाफ ने मदद न की होती, तो शायद नुकसान और भी बड़ा होता.

आतिशबाजी बनी आग की वजह
गाजियाबाद में मौजूद फायर ब्रिगेड अधिकारियों के मुताबिक शुरुआती जांच में आग की वजह आतिशबाजी ही पाई गई है. दिवाली के मौके पर बिना सावधानी के पटाखे जलाने का नतीजा इस भयानक अग्निकांड की शक्ल में सामने आया. हालांकि किसी की जान नहीं गई, लेकिन 19 परिवारों का सारा सामान और घर जलकर राख हो गया. अब पुलिस और फायर विभाग की टीमें जांच में जुटी हैं ताकि जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.

सड़क पर आए कई परिवार!
आग से बेघर हुए परिवार अब सड़कों पर हैं. कुछ ने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है, तो कुछ राहत की आस में हैं. दीपक त्यागी जैसे कई लोग इस सवाल से परेशान हैं कि आखिर एक व्यक्ति की लापरवाही की सजा 19 परिवारों को क्यों भुगतनी पड़ी. यह घटना फिर से इस बात की याद दिलाती है कि त्योहार की खुशी मनाते वक्त एक छोटी सी चूक कितनी बड़ी तबाही मचा सकती है.

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