पाकिस्तान ने अफगान तालिबान सरकार के साथ सीजफायर समझौते के बाद अफगान ट्रांजिट ट्रेड को धीरे-धीरे फिर से शुरू कर दिया है. ये ट्रेड 13 अक्टूबर को पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सेनाओं के बीच झड़पों के कारण ठप हो गया था. लगभग दस दिन तक ये बंद रहा जिससे दर्जनों वाहन सीमा पर फंस गए थे.
300 वाहन अब सीमा पार करेंगे
अब करीब 300 फंसे हुए वाहनों को धीरे-धीरे सीमा पार किया जा रहा है. सबसे पहले दक्षिण-पश्चिमी बलोचिस्तान के चमन बॉर्डर क्रॉसिंग से ऑपरेशन शुरू हुआ है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार ये काम तीन चरणों में किया जाएगा.
फर्स्ट स्टेप: नौ वाहन जो फ्रेंडशिप गेट बंद होने के समय लौटाए गए थे उन्हें फिर से तौल और स्कैन किया जाएगा. किसी भी असंगति पाए जाने पर पूरी जांच की जाएगी.
सेकेंड स्टेप: 74 वाहन जो NLC बॉर्डर टर्मिनल यार्ड से लौटाए गए थे, उन्हें भी पुनः तौल और स्कैन किया जाएगा.
थर्ड स्टेप: 217 वाहन जो हल्टिंग यार्ड में खड़े हैं, उन्हें साफ कर सीमा पार अफगानिस्तान भेजा जाएगा.
साथ ही, सभी लौटते या रुकने वाले वाहनों की तस्वीरें फ्रेंडशिप गेट पर ली जाएंगी और सुरक्षित रूप से संग्रहीत की जाएंगी. इससे पारदर्शिता और डाक्यूमेंटेशन सही ढंग से होगा. अधिकारियों का कहना है कि ट्रांजिट ट्रेड शुरू होने से व्यापारियों, परिवहनकर्ताओं और कार्गो ऑपरेटरों को राहत मिलेगी, जिन्हें सीमा बंद होने से भारी नुकसान हुआ था. साथ ही, सुरक्षा जांच और निरीक्षण प्रक्रिया को और कड़ा किया गया है ताकि तस्करी और अवैध व्यापार रोका जा सके.
बता दें कि चमन बॉर्डर पाकिस्तान का अफगानिस्तान के साथ सबसे महत्वपूर्ण भूमि व्यापार मार्ग है, जो रोजाना दर्जनों ट्रक और सामान संभालता है. चरणबद्ध पुन: उद्घाटन से सीमा पार व्यापार सुचारू होगा और दोनों देशों के आर्थिक संबंध मजबूत होंगे.
सीमा और समझौते का बैकग्राउंड
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की 2600 किलोमीटर लंबी सीमा के साथ मुख्य बॉर्डर क्रॉसिंग टोरखाम और चमन समेत कम से कम तीन छोटे क्रॉसिंग बंद कर दिए थे. 19 अक्टूबर को कतर में हुई वार्ता में दोनों देशों ने तुरंत सीजफायर पर सहमति जताई थी और 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में विस्तृत मामलों पर चर्चा करने का फैसला किया.
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