Chhath Puja 2025 Samagri: दिवाली के बाद से ही महापर्व छठ की तैयारियां शुरू हो जाती है. छठ पर्व सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा के लिए सबसे पवित्र अवसर माना जाता है, जिसमें नियम, नियम, कठोर उपवास और शुद्धता का खास महत्व होता है. नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत होती है और ऊर्षा अर्घ्य के बाद पारण किया जाता है.
इस साल छठ की शुरुआत 25 अक्टूबर शनिवार के दिन से हो रही है. इस दिन नहाय-खाय किया जाएगा. इसके बाद 28 अक्टूबर को खरना, 29 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य और 29 अक्टूबर को ऊषा अर्घ्य का दिन रहेगा. चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व में पूजा के लिए कई तरह की सामग्रियों की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में कोई सामग्री छूट ना जाए, इसके लिए यहां देखिए पूजा सामग्री की संपूर्ण सूची.
छठ पूजा सामग्री (Chhath Puja Samgri List)
बांस के 3 या 5 सूप या टोकरी, गन्ने का जोड़ा, नारियल, सेब, केला, अमरूद, नींबू, शरीफा, शकरकंद, मूली, गाजर, नया धान का चावल (अरवा), आटा, गुड़, घी, सूजी, चना दाल, ठेकुआ, गुड़, मेवे.
दीपक, कपूर, अगरबत्ती, धूप, फूल, कुमकुम, पीला संदूर, लौंग, इलाययी, चंदन, अक्षत, सिंदूर, गंगाजल, जल से भरा लोटा, नारियल, सुपारी, फूल, माचिस आदि. अर्घ्य देने के लिएपीतल या तांबे का लोटा, गंगा जल, पान का पत्ता, हल्दी, मिठाई, कलावा, नई साड़ी, आम की लकड़ी, घी, मिट्टी का चूल्हा आदि.
छठ पूजा महत्व (Chhath Puja 2025 Importance)
छठ पूजा का महत्व भारतीय संस्कृति में अत्यंत गहरा और पवित्र माना गया है. छठ हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है, जोकि आस्था, प्रकृति, आत्मसंयम और सूर्य उपासना का प्रतीक है. पांच दिवसीय दीपोत्सव की समाप्ति के बाद छठ पर्व की शुरुआत होती है. पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक छठ पर्व मनाया जाता है. इसमें व्रती पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.