Hazrat Ayyub : हजरत अय्यूब अलैहिस्सलाम अल्लाह के एक नबी (पैगंबर) थे, जो अपने अत्यधिक सब्र और अल्लाह के प्रति अटूट विश्वास के लिए जाने जाते हैं.
वे अपनी संपत्ति बच्चों और स्वास्थ्य के खोने के बाद भी अल्लाह की इबादत में लगे रहे. अल्लाह ने हजरत अय्यूब की सब्र की परीक्षा ली और अंततः उन्हें फिर से संपत्ति और संतान प्रदान की. कुरान में हजरत अय्यूब के सब्र और धैर्य की तारीफ की गई है.
अय्यूब अलैहिस्सलाम अपनी वफादारी और सब्र की वजह के कारण विशाल और सम्मानित बने. अल्लाह ने उनकी परीक्षा लेने के लिए उनकी संपत्ति छीन ली और उन्हें गंभीर बीमारी दे दी, लेकिन हजरत अय्यूब ने हमेशा धैर्य रखा और अल्लाह पर भरोसा बनाए रखा.
हजरत अय्यूब के इस सब्र और शुक्र ने उन्हें और उंचा बना दिया और अल्लाह ने बाद में उनकी सारी मुसीबतें दूर कर दीं और उन्हें पहले से ज्यादा खुशहाल प्रदान की.
हरज अय्यूब के धर्य और सब्र की परीक्षा
संपत्ति का नुकसान
पैगंबर अय्यूब एक अमीर व्यक्ति थे, लेकिन अल्लाह ने उनकी परीक्षा के लिए सारी संपत्ति छीन ली, जिनमें जमीन और जानवर शामिल थे.
गंभीर बीमारी
हजरत अय्यूब अलैहिस्सलाम को एक दुर्बल करने वाली बीमारी हुई थी जिसमें उनके पूरे शरीर में दर्दनाक फोड़े और घाव हो गए थे. हजरत अय्यूब को एक ऐसा चर्म रोग हुआ था जिसमें उनके घावों में कीड़े रंगते थे. यह परीक्षा उनकी बुद्धिमता, धैर्य और अटूट विश्वास के लिए थी.
प्रियजनों का खोना
हजरत अय्यूब ने प्रियजनों को भी खो दिया और उनके दोस्त और रिश्तेदार भी उनसे दूर हो गए.
हजरत अय्यूब का अल्लाह पर भरोसा और सब्र
शिकायत नहीं की
हजरत अय्यूब अलैहिस्सलाम ने अपनी जिंदगी में आई हर मुसीबत, जैसे अपनी संपत्ति का खत्म होना, परिवार का छिन जाना और गंभीर बीमारी के बावजूद कभी भी अल्लाह से कोई शिकायत नहीं की, बल्कि हमेशा सब्र और शुक्र बनाए रखा, जो उनकी वफादारी और भरोसे की मिसाल है.
हजरत अय्यूब की कहानी से मिलने वाली सीख
हर हाल में सब्र
यह कहानी हमें सिखाती है कि हर हाल में धैर्य और सब्र से काम लेना चाहिए, क्योंकि अल्लाह की मर्जी के आगे सब्र ही बड़ी ताकत है.
अल्लाह पर यकीन
मुश्किल समय में भी अल्लाह के फैसले पर भरोसा रखना चाहिए और कभी भी उसकी रहमत से निराश नहीं होना चाहिए.
कृतज्ञता का महत्व
खुशी के दिनों में तो अल्लाह का शुक्रिया अदा करना आसान होता है, लेकिन मुसीबत में भी शुक्र अदा करना अल्लाह को सबसे ज्यादा पसंद है, जिससे उसकी रहमत हासिल होती है.
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