Breath Causes: थोड़ी दूर चलने पर ही फूलने लगती है सांस, तो जरूर करा लें ये टेस्ट

Breath Causes: थोड़ी दूर चलने पर ही फूलने लगती है सांस, तो जरूर करा लें ये टेस्ट


Shortness Of Breath Causes: अगर आप थोड़ी दूरी चलने पर ही थक जाते हैं और आपकी सांस फूलने लगती है, तो इसे सामान्य कमजोरी समझने की गलती न करें. यह कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है. अक्सर लोग इसे अनदेखा कर देते हैं, लेकिन समय रहते जांच और इलाज न होने पर यह समस्या बढ़ सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि सांस फूलना और पैरों में सूजन जैसे लक्षण हार्ट, लंग्स, किडनी और लिवर से जुड़ी बीमारियों की ओर इशारा करते हैं.

क्यों फूलती है सांस?

एक्सपर्ट के मुताबिक सांस फूलने की समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं-

हार्ट रोग– जब दिल पूरी तरह से रक्त पंप नहीं कर पाता, तो फेफड़ों और शरीर में तरल जमा होने लगता है. इससे पैरों, टखनों और पेट में सूजन आ सकती है और थोड़ी मेहनत में भी सांस फूल जाती है.

लंग्स की समस्या– अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) या फेफड़ों में इंफेक्शन जैसी बीमारियां भी सांस फूलने का कारण बन सकती हैं.

किडनी और लिवर की बीमारी– जब ये अंग सही तरह काम नहीं करते तो शरीर से अतिरिक्त पानी बाहर नहीं निकल पाता. इसके कारण शरीर में सूजन और फेफड़ों में तरल भर सकता है.

दवाओं का असर– ब्लड प्रेशर और हार्मोन से जुड़ी कुछ दवाएं भी सूजन और सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकती हैं.

कौन-कौन से टेस्ट जरूरी हैं?

अगर आपको थोड़ी दूरी चलने पर ही सांस फूल रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर कुछ जांचें कराना बेहद जरूरी है. इनमें शामिल हैं-

ब्लड टेस्ट – दिल, गुर्दे और लिवर की कार्य करने की क्षमता की जांच के लिए.

चेस्ट एक्स-रे – फेफड़ों में तरल जमा है या नहीं, यह पता करने के लिए.

ECG और इकोकार्डियोग्राम – हार्ट की धड़कन और पंपिंग क्षमता का आकलन करने के लिए.

पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट – फेफड़ों की क्षमता और उनकी मजबूती की जांच के लिए.

यूरिन टेस्ट – किडनी की काम करने की क्षमता जानने के लिए.

डॉक्टर की राय

दिल्ली स्थित लंग्स रोग विशेषज्ञ डॉ. कैलाश नाथ गुप्ता बताते हैं, “सांस फूलना एक आम लक्षण लग सकता है, लेकिन यह कई बार गंभीर बीमारियों की शुरुआत होता है. अगर किसी मरीज को थोड़ी दूरी चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर ही सांस फूलने लगे, तो तुरंत जांच करानी चाहिए. समय रहते इलाज करने से दिल और फेफड़ों को नुकसान से बचाया जा सकता है.”

डॉ. गुप्ता के अनुसार, मरीजों को अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना चाहिए

  • नमक का सेवन कम करें क्योंकि यह शरीर में पानी रोके रखता है.
  • नियमित वॉक या हल्की कसरत करें.
  • धूम्रपान और शराब से दूर रहें.
  • ज्यादा वजन है तो इसे नियंत्रित करें.

सांस फूलना और सूजन जैसी समस्या को कभी भी हल्के में न लें. यह आपके दिल, फेफड़े, किडनी या लिवर की परेशानी का शुरुआती संकेत हो सकता है. समय पर जांच और सही इलाज से बड़ी बीमारी से बचा जा सकता है. इसलिए अगर थोड़ी दूरी चलने पर भी आपकी सांस फूलने लगे, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें और जरूरी टेस्ट जरूर कराएं.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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