ऑस्ट्रेलिया के मशहूर बोंडी बीच पर रविवार शाम हुई भीषण गोलीबारी की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. यह हमला न सिर्फ बीते तीन दशकों का सबसे घातक गन अटैक बताया जा रहा है, बल्कि अब इसे एक सुनियोजित आतंकवादी और यहूदी विरोधी (एंटी-सेमिटिक) हमला माना जा रहा है. जांच के साथ-साथ लगातार नए खुलासे सामने आ रहे हैं. आतंकियों की नागरिकता पहचान को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं.
अब तक की जानकारी के मुताबिक, हमले में शामिल दोनों आतंकी पिता-पुत्र थे. 24 वर्षीय नावीद अकरम और उसके 50 वर्षीय पिता साजिद अकरम की पहचान स्थानीय मीडिया और पुलिस ने की है. हमले के दौरान पुलिस की जवाबी कार्रवाई में साजिद अकरम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि नावीद अकरम गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है. इस घटना में कुल 16 लोगों की जान चली गई, जिनमें 15 आम नागरिक और एक हमलावर शामिल है.
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ऑस्ट्रेलियाई जांच एजेंसियों के अनुसार, नावीद अकरम का ISIS से संबंध साल 2019 में सामने आ चुका था और उस वक्त उसकी जांच भी की गई थी. नावीद ऑस्ट्रेलिया में ही जन्मा था, जबकि उसका पिता साजिद अकरम पाकिस्तान से ऑस्ट्रेलिया टूरिस्ट वीजा पर आया हुआ था. हालांकि, सिडनी पुलिस ने इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया है.
साजिद अकरम के पास 6 बंदूकों का वैध लाइसेंस
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि साजिद अकरम के पास छह बंदूकों का वैध लाइसेंस था और हमले में इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल किया गया. पुलिस ने मौके से कुछ इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) भी बरामद किए हैं, हालांकि उन्हें शुरुआती स्तर का बताया गया है.
करीब 10 मिनट चलता रहा शूटिंग
यह हमला उस वक्त हुआ जब बोंडी बीच के पास एक पार्क में यहूदी समुदाय का हनुक्का आयोजन चल रहा था, जिसमें करीब 1,000 लोग मौजूद थे. चश्मदीदों के मुताबिक, हमला करीब 10 मिनट तक चला और गोलियों की आवाज सुनते ही सैकड़ों लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे.
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इस हमले में 40 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. घायलों की उम्र 10 साल से लेकर 87 साल तक बताई जा रही है. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री और शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों ने इसे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चेतावनी माना है और जांच को अंतरराष्ट्रीय आतंकी एंगल से आगे बढ़ाया जा रहा है.
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