बर्गर–पिज्जा का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है, लेकिन सवाल यह भी उठता है कि जब भारत में फास्ट फूड खाते ही लोगों को मोटापा और बीमारियां घेर लेती है तो फिर विदेशों के लोग रोज पिज्जा-बर्गर खाकर भी फिट कैसे रहते हैं. आखिर ऐसा कौन सा राज है जिससे विदेशों पर इनका उतना असर नहीं होता है. चलिए आज हम आपको बताएंगे कि अंग्रेज रोज पिज्जा खाने के बाद भी मोटे क्यों नहीं होते.
फास्ट फूड से बढ़ रहा खतरा
बर्गर और पिज्जा जैसे फास्ट फूड में ट्रांस फैट, ज्यादा नमक चीनी और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं. यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ते हैं और मोटापा, डायबिटीज, हाई बीपी, हार्ट डिजीज, पाचन समस्याएं और यहां तक की डिप्रेशन तक का कारण बन सकते हैं. यही नहीं स्किन और बालों पर भी इनका बुरा असर पड़ता है.
विदेशियों पर क्यों नहीं होता असर?
भारत में फास्ट फूड खाने से अक्सर सेहत बिगड़ जाती है, लेकिन विदेशी लोग इसे रोज खाते हैं और फिर भी उतनी परेशानी नहीं झेलते इसके पीछे कई कारण माने जाते हैं.
1. बनाने का तरीका अलग
विदेश में पिज्जा और बर्गर बनाने का तरीका भारत से अलग है वहां का पिज्जा बेस हल्का होता है और टॉपिंग में सब्जियों की भरपूर मात्रा डाली जाती है. यानी उसमें न्यूट्रिशंस का भी ख्याल रखा जाता है.
2. डाइट में बैलेंस
वहां के लोग सिर्फ फास्ट फूड पर निर्भर नहीं रहते. अगर एक मील में बर्गर पिज्जा खाते हैं तो अगले मील में हेल्दी फूड जैसे चिकन सलाद या सब्जियां शामिल कर लेते हैं. यानी कुल मिलाकर उनकी डाइट बैलेंस रहती है, जिसकी वजह से उन्हें मोटापा जल्दी नहीं घेरता.
3. फिटनेस पर फोकस
विदेशों में लोग अपने शरीर का भी उतना ही ध्यान रखते हैं. जिम, स्विमिंग, वॉक और साइकलिंग उनकेी दिनचर्या का हिस्सा होता है. जितनी कैलोरी फास्ट फूड से लेते हैं उतनी ही एक्सरसाइज से बर्न भी कर लेते हैं.
4. शरीर की आदत और लाइफस्टाइल
हर देश का खान-पान और जलवायु अलग होती है. विदेशियों का शरीर लंबे समय से ऐसे फूड के का आदी हो चुका है. वहीं भारतीय शरीर मैदे और प्रोसेस्ड चीजों को इतनी आसानी से पचा नहीं पाता. यही वजह है कि यहां इसके नुकसान जल्दी दिखने लगते हैं.
भारत में क्यों ज्यादा खतरनाक?
भारतीय पिज्जा और बर्गर में इस्तेमाल होने वाला मैदा ब्लीचिंग एजेंट और केमिकल्स से तैयार किया जाता है, जिसमें पोषण लगभग न के बराबर होता है. बार-बार मैदे वाला पिज्जा खाने से वजन बढ़ाना, गैस ब्लोटिंग और पाचन की समस्याएं शुरू हो जाती है.