बिहार की सियासत में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के ताजा बयान ने नई हलचल पैदा कर दी है. मुजफ्फरपुर के कांटी हाई स्कूल में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐलान किया- ‘बिहार की 243 सीटों पर तेजस्वी चुनाव लड़ेगा’. इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया है.
तेजस्वी यादव ने अपने भाषण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए की और इसके बाद उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक उपलब्धियों का उल्लेख किया. संबोधन के अंत में उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, “हम फिर आएंगे… आप सब यह समझ लीजिए कि बिहार की हर सीट पर तेजस्वी चुनाव लड़ रहा है.” उन्होंने विशेष रूप से मुजफ्फरपुर, गायघाट, बोचहां और कांटी सीट का जिक्र किया.
कांग्रेस पर दबाव या राजनीतिक संदेश?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि तेजस्वी का यह बयान केवल कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए नहीं है, बल्कि कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति भी हो सकता है. गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर सीट पर इस समय कांग्रेस का विधायक है. ऐसे में तेजस्वी का बयान महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे की राजनीति को संकेत देता है. वहीं, यह भी याद दिला दें कि राहुल गांधी ने जब महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे पर सवाल किया गया था तो उन्होंने स्पष्ट जवाब देने से परहेज किया था. तेजस्वी के नए बयान से यह मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है.
GMCH का तेजस्वी ने किया औचक निरीक्षण
अपने दौरे के दौरान तेजस्वी यादव ने पूर्णिया स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) का औचक निरीक्षण भी किया. निरीक्षण के बाद उन्होंने अस्पताल की खस्ताहाल स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए और सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा एनडीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
तेजस्वी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में ICU और ट्रॉमा सेंटर तक नहीं है. कार्डियोलॉजी विभाग पूरी तरह बंद पड़ा है और एक-एक बेड पर तीन-तीन मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यहां 80% डॉक्टरों के पद खाली हैं, नर्सों के 255 पदों में केवल 55 पर ही भर्ती हुई है. कई विभाग बंद हैं और मेडिकल इंटर्न्स को पिछले छह महीनों से वेतन नहीं मिला है.
तेजस्वी ने प्रधानमंत्री पर साधा हमला
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार केवल इमारतें बनाने और उपकरण खरीदने पर हजारों करोड़ खर्च कर भ्रष्टाचार करती है, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति नहीं करती. नतीजतन रोजाना हजारों मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी सीमांचल दौरे पर कटाक्ष करते हुए तेजस्वी ने कहा, “पीएम को पूर्णिया का यह मेडिकल कॉलेज जरूर देखना चाहिए. वे 2005 के बाद की सरकार की नाकामियों को क्यों नहीं गिनते? वरना फिर कह देंगे कि ‘2005 से पहले कुछ था जी?’”
तेजस्वी के इन बयानों ने बिहार की राजनीति को नया मोड़ दे दिया है, जहां अब महागठबंधन की रणनीति और सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.