वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीतने के बाद मीनाक्षी हुड्डा।
रोहतक के गांव रूड़की निवासी मीनाक्षी हुड्डा ने 48 किलोग्राम भारवर्ग में विश्व मंच पर भारत का नाम रोशन किया। मीनाक्षी हुड्डा ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कजाकिस्तान की 3 बार की विश्व चैंपियन को हराकर खिताब अपने नाम किया। मीनाक्षी हुड्डा की जीत पर
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मीनाक्षी हुड्डा ने फाइनल मुकाबले में 3 बार विश्व चैंपियन रही कजाकिस्तान की नाजिम काइजेबे को रोमांचक मुकाबले में 4-1 के अंतर से मात देकर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। मीनाक्षी के जीत के साथ ही गांव में परिवार के लोगों ने खुशी मनाई। ग्रामीणों ने कहा कि मीनाक्षी ने गांव का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया।

बॉक्सर मीनाक्षी हुड्डा।
मीनाक्षी का गांव में करेंगे जोरदार स्वागत गांव रूड़की के ग्रामीणों ने कहा कि मीनाक्षी का गांव पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा। मीनाक्षी को लेकर जुलूस निकालेंगे। मीनाक्षी के कोच विजय हुड्डा ने कहा कि मीनाक्षी के कठिन परिश्रम व अनुशासन से ही यह मुकाम हासिल हुआ है। मीनाक्षी की जीत ने भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
मीनाक्षी ने पूरी दूनिया में भारतीय बेटियों का बढ़ाया मान भारतीय बॉक्सिंग संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने मीनाक्षी के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देते हुए कहा कि आज मीनाक्षी ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि भारतीय बेटियां किसी से कम नहीं हैं। यह जीत न सिर्फ बॉक्सिंग के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। मीनाक्षी पर पूरे देश को नाज है।

भारतीय बॉक्सिंग संघ के अध्यक्ष अजय सिंह के साथ मीनाक्षी हुड्डा।
भारतीय बॉक्सिंग के लिए स्वर्णिम दशक खेल प्रेरक अधिवक्ता राजनारायण पंघाल ने कहा कि पिछले कई वर्षों से भारतीय जूनियर और सीनियर बॉक्सरों को खेलते हुए देखा। मीनाक्षी जैसी बेटियां देश की नई पहचान बना रही हैं। आने वाला दशक भारतीय बॉक्सिंग के लिए स्वर्णिम रहने वाला है। बॉक्सिंग में मीनाक्षी हुड्डा जैसे खिलाड़ी नया अध्याय जोड़ रहे हैं।
बेटी के जीतने की बात सुनकर पिता हुए भावुक रूड़की गांव में ऑनलाइन लाइव मैच देखने का इंतजार कर रहे मीनाक्षी के पिता कृष्ण हुड्डा उस समय अपने ऑटो से सवारी उतारने में व्यस्त थे और मैच की शुरुआत चूक गए। परिणाम पता चलते ही वे भावुक हो उठे। कृष्ण हुड्डा ने कहा कि यह वही ऑटो है जिसकी बदौलत घर का खर्च चला और मीनाक्षी की ट्रेनिंग संभव हो पाई। मैं इस ऑटो को कभी नहीं बेचूंगा, क्योंकि यही हमारी मेहनत और संघर्ष का सच्चा साथी है।