6 घंटे पहलेलेखक: वर्षा राय
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हाफ सीए सीजन 2 वेब सीरीज अमेजन एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हो चुकी है। हाल ही में इस सीजन को लेकर सीरीज के स्टार्स अहसास चन्ना, प्रीत कमानी और ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी से उनकी एक्टिंग जर्नी और इस सीरीज में आए चैलेंजेस के बारे में बातचीत की। तीनों कलाकारों ने अपने किरदारों के लिए की गई तैयारी, फेलियर से मिली सीख और असली जिंदगी के संघर्षों को साझा किया। प्रस्तुत हैं कुछ खास अंश…
सवाल – हाफ सीए सीजन 2 वेब सीरीज पूरी करने के बाद आपको क्या लगता है, कौन सा प्रोफेशन ज्यादा कठिन है, एक सीए का या एक्टर का?
जवाब/ज्ञानेंद्र त्रिपाठी – देखिए, जिस भी प्रोफेशन में आप सफल होना चाहते हैं, चाहे वो एक्टिंग हो या फिर एक सीए बनना, सब में मुश्किलें तो आएंगी ही, लेकिन मजा भी इसी में है कि चाहे कितनी भी कठिनाई आए, आप हार ना मानें।
अहसास चन्ना – बिल्कुल ठीक कहा ज्ञानेन्द्र ने। किसी भी प्रोफेशन में अगर आप जाते हैं तो मुश्किलें आनी ही हैं, लेकिन अगर आप सच्चे दिल से उसके पीछे लगे हुए हैं, तो आपको कोई नहीं रोक सकता। और हां, अगर कोई चीज आपको बड़ी आसानी से मिल रही है तो समझिए कि वो आपके लिए बनी नहीं है।

प्रीत कमानी – मैं कहना चाहूंगा कि अगर आपको कोई काम करना पसंद है, तो इस बात पर बिल्कुल फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि वो काम कितना मुश्किल है। आप बस अपने काम को इंजॉय करते रहेंगे, तो वो काम आपको बोझ जैसा नहीं लगेगा।
सवाल – हाफ सीए सीजन 2 में आपने अपने रोल के लिए किस तरह की तैयारी की, जरा उसके बारे में बताइए?
जवाब/प्रीत कमानी – मैं सीरीज में आरची (अहसास चन्ना) के लवर का रोल प्ले कर रहा हूं, इसलिए मुझे सीए की पढ़ाई तो नहीं, लेकिन हां, सीरीज में अपनी गर्लफ्रेंड से फ्लर्ट करते-करते अब मैं एक हाफ सीए तो बन ही गया हूं, या शायद पौना।
अहसास चन्ना – हाफ सीए सीजन 1 में मुझे अपने रोल के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी थी, सीजन 2 से ज्यादा। क्योंकि मैं एक आर्ट स्टूडेंट हूं, तो मुझे इस फील्ड का कोई आइडिया नहीं था, दूर-दूर तक अकाउंटिंग या कॉमर्स से लेना-देना नहीं था। इसलिए इस सीरीज के लिए मैंने बहुत मेहनत की, सीए वाले जिस तरह से किसी टर्म का इस्तेमाल करते हैं, वो सीखा, वरना ऐसा लगता कि मैं फेक कर रही हूं। सबसे ज्यादा चैलेंजिंग मेरे लिए तब था जब सीजन 1 में मुझे राइट हैंड से लिखना था और लेफ्ट हैंड से कैलकुलेटर चलाना था। साथ ही हमारे सीरीज के डायरेक्टर, प्रतीश, वो भी एक हाफ सीए हैं, तो उन्होंने भी हमारी इस रोल को निभाने में मदद की।
ज्ञानेंद्र त्रिपाठी – मैंने अच्छे से स्क्रिप्ट जरूर पढ़ी और इस बात को समझा कि मेरे रोल की डिमांड क्या है। साथ ही हमारे डायरेक्टर, जो खुद ही एक सीए रह चुके हैं, उन्होंने काफी मदद की। और मेरा पूरा फोकस था कि कैसे मैं अपने किरदार से एक असली सीए के इमोशन को पर्दे पर उतार सकूं।

सवाल – प्रीत, जैसा कि आपने बताया, आपका रोल एक ग्रीन फ्लैग बॉयफ्रेंड का है, तो क्या रियल लाइफ में भी आप ऐसे ही हैं?
जवाब/प्रीत कमानी – रियल लाइफ में थोड़ा उल्टा है। जैसे इस सीरीज में मैं आर्ची (सीरीज में प्रीत की गर्लफ्रेंड) के पीछे भाग रहा हूं, वैसे ही रियल लाइफ में मुझे लड़कियों से प्रिंसेस ट्रीटमेंट मिलता है।
सवाल – क्या रियल लाइफ में आपको प्रीत जैसा ही लाइफ पार्टनर चाहिए, जो सीरीज में एक ग्रीन फ्लैग बॉयफ्रेंड का रोल प्ले कर रहे हैं?
जवाब/अहसास – बिल्कुल ऐसा ही। और मैं आपको बता दूं कि किरदार के अलावा रियल लाइफ में भी प्रीत बिल्कुल ऐसा है। और हमेशा उसने मेरे बुरे वक्त में मेरा साथ दिया है।
सवाल – हाफ सीए सीजन 1 में आप सीए बनने की जद्दोजहद कर रहे होते हैं, अब दूसरे सीजन में स्टोरी कहां मोड़ लेती है?
जवाब/अहसास – इस बार स्टोरी में काफी नए किरदारों की एंट्री हुई है, जो कहानी को आगे लेकर जाते हैं। साथ ही हमने इस सीजन में आर्टिकलशिप की भी बात की है, जो एक सीए कोर्स का अहम हिस्सा है। ये बिल्कुल प्रैक्टिकल्स की तरह है, जहां स्टूडेंट्स असली काम का अनुभव लेते हैं। लेकिन मुश्किल यह होती है कि पढ़ाई और आर्टिकलशिप दोनों साथ करना पड़ता है। यही बैलेंस, प्रेशर और रिलेशनशिप्स इस सीजन में खूबसूरती से दिखाया गया है।
ज्ञानेंद्र – एक बहुत बड़ी चीज इस सीजन में सभी को देखने को मिलेगी, वो है इमोशनल कनेक्ट। कैसे जब एक सीए सब पीछे छोड़कर, मां-बाप, दोस्तों को भूलकर अपने लक्ष्य के पीछे बस भाग रहा होता है, तब लोग उसके साथ कैसा व्यवहार करते हैं, उसे अपनों का सपोर्ट मिलता है या नहीं, ये सब इस सीजन में देखने को मिलेगा।

सवाल – सीए एग्जाम की तरह ही क्या आप एक्टिंग में भी बैक टू बैक एटेंप्ट्स देने के बाद रिजेक्ट हुए हैं, और अगर हां, तो कैसे खुद को मोटिवेट किया?
जवाब/अहसास – जैसा सीरीज में दिखाया गया कि कैसे कई एटेंप्ट्स के बाद भी कई लोग सीए के पेपर को क्लियर नहीं कर पाते, ठीक वैसे ही जब किसी रोल के लिए हम ऑडिशन दे रहे होते हैं, तो हम भी कई बार रिजेक्ट होते हैं। लेकिन वहीं बात, अगर आपने अपना लक्ष्य सेट कर लिया है कि कुछ भी हो जाए, ये पाना ही है, तो वो चीज आपको जरूर मिलती है। इसलिए कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।

सवाल – सीए एग्जाम की कहानी रियलिटी में कितनी सच है, और आपको लगता है कि लोग इससे कनेक्ट कर पाएंगे, खासकर फेलियर से?
जवाब/ज्ञानेंद्र – मेरा मानना है कि जिंदगी और फिल्मों में ज्यादा अंतर नहीं होता है। 25 की उम्र तक आते-आते इंसान सब कुछ देख चुका होता है, और वही इमोशन जब एक फिल्म में दिखाया जाता है, तो लगता है कि वो बिल्कुल असलियत के करीब है। अगर कहानी सच नहीं होती, तो शायद हाफ सीए सीजन वन को दर्शकों का प्यार नहीं मिलता।