World Athletics Championship: ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 के जेवलिन थ्रो इवेंट में नीरज ने अपने पहले ही प्रयास में 84.85 मीटर का थ्रो किया और सीधे फाइनल में जगह बना ली. नीरज के अलावा कुल 11 और एथलीट्स ने भी फाइनल में क्वालिफाई किया है. जिनमें सबसे ज्यादा चर्चा में रहें सचिन यादव.
भारत की तरफ से इस बार जेवलिन थ्रो में चार एथलीट मैदान में उतरे थे. नीरज चोपड़ा, रोहित यादव, यशवीर सिंह और सचिन यादव. इनमें से रोहित और यशवीर फाइनल तक का सफर तय नहीं कर पाए, जबकि नीरज चोपड़ा और सचिन यादव ने शानदार प्रदर्शन किया. आइए जानते हैं सचिन यादव की पूरी कहानी.
सचिन यादव की कहानी, धोनी के फैन से जेवलिन थ्रोअर तक
उत्तर प्रदेश के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले 25 साल के सचिन यादव की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. कभी उनका सपना क्रिकेटर बनने का था. वह पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानते थे और अब जसप्रीत बुमराह को फॉलो करते हैं, लेकिन किस्मत ने उनके लिए एक अलग रास्ता चुना. परिवार के कहने पर उन्होंने एथलेटिक्स अपनाया और यही फैसला उनकी जिंदगी बदलने वाला साबित हुआ.
सचिन ने पहली बार 2024 में बेंगलुरु में हुए 63वें नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 80.04 मीटर का थ्रो करके गोल्ड मेडल हासिल किया था. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2025 में उन्होंने देहरादून नेशनल गेम्स (84.39 मीटर) और कोच्चि फेडरेशन कप (83.86 मीटर) में लगातार गोल्ड मेडल जीते.
एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर, 85 मीटर क्लब में एंट्री
सचिन को इंटरनेशनल लेवल पर पहचान एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 से मिली. यहां उन्होंने पाकिस्तान के ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अरशद नदीम जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के खिलाफ 85.16 मीटर का थ्रो कर सिल्वर मेडल जीता. इसके साथ ही वह 85 मीटर का आंकड़ा पार करने वाले चौथे भारतीय जेवलिन थ्रोअर बन गए. उनसे पहले नीरज चोपड़ा, शिवपाल सिंह और किशोर जेना यह कारनामा कर चुके हैं.
फाइनल में पहुंचे ये दिग्गज
नीरज चोपड़ा और सचिन यादव के अलावा जेवलिन थ्रो फाइनल में एंडरसन पीटर्स, जूलियन वेबर, जूलियस येगो, डेविड वेग्नर, अरशद नदीम, कर्टिस थॉम्पसन, जैकब वडलेज्च, केशोर्न वालकॉट, कैमरून मैकिन्टायर और रुमेश पाथिरागे जैसे स्टार एथलीट्स ने जगह बनाई है.
भारत को उम्मीदें
अब सबकी निगाहें फाइनल मुकाबले पर टिकी हैं, जहां नीरज से एक और स्वर्ण पदक की उम्मीद है. वहीं, सचिन यादव के प्रदर्शन ने भी भारतीय एथलेटिक्स के भविष्य की मजबूत तस्वीर पेश की है.