Kerala Brain Eating Amoeba: 60 साल में दुनिया में 488 मौतें… भारत में सिर्फ 9 महीने में ही 19 लोग निगल गई ये खतरनाक बीमारी!

Kerala Brain Eating Amoeba: 60 साल में दुनिया में 488 मौतें… भारत में सिर्फ 9 महीने में ही 19 लोग निगल गई ये खतरनाक बीमारी!


Kerala Brain Eating Amoeba: जिस बीमारी ने पिछले 60 साल में पूरी दुनिया में करीब 488 लोगों की जान ली, वही दुर्लभ संक्रमण अब भारत में तेजी से फैल रहा है. सिर्फ 2025 के शुरुआती 9 महीनों में ही केरल और कर्नाटक से मिले मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. अब तक भारत में 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक तीन महीने का शिशु और 52 वर्षीय महिला भी शामिल हैं. यह बीमारी है नेग्लेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri), जिसे आम भाषा में ‘ब्रेन-ईटिंग अमीबा’ कहा जाता है. चलिए केरल में हाहाकार मचाने वाली इस बीमारी के बारे में आपको बताते हैं.

नेग्लेरिया फाउलेरी क्या है?

यह एक दुर्लभ अमीबा है जो ताज़े पानी की झील, तालाब, स्विमिंग पूल और पानी की टंकियों में पनपता है. यह इंसान के शरीर में नाक के रास्ते प्रवेश करता है और सीधे ब्रेन तक पहुंचकर इंफेक्शन फैलाता है. इस इंफेक्शन को प्राइमरी अमीबिक मेनिन्गोएन्सेफलाइटिस (PAM) कहा जाता है, जिसकी मृत्यु दर 95 प्रतिशत से ज्यादा है.

दुनिया भर के आंकड़े

अमेरिका की CDC रिपोर्ट बताती है कि 1962 से 2024 तक अमेरिका में 167 मामले रिपोर्ट हुए, जिनमें से केवल 4 लोग ही बचे. यानी 163 मौतें सिर्फ अमेरिका में दर्ज हुईं. वैश्विक स्तर पर उपलब्ध रिसर्च बताती है कि पिछले 60 सालों में लगभग 380 से 488 केस सामने आए, और उनमें से लगभग सभी मौत के शिकार हुए. यह बताता है कि यह बीमारी बेहद दुर्लभ है, लेकिन एक बार लगने पर लगभग जानलेवा साबित होती है.

भारत में अचानक बढ़ा खतरा

2025 में भारत में इस बीमारी का प्रकोप चौंकाने वाला रहा. रिपोर्ट्स के अनुसार, केरल में अब तक 69 मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से 19 की मौत हो चुकी है. मौतों में एक शिशु और एक बुजुर्ग महिला भी शामिल हैं. मामले अलग-अलग जिलों से सामने आ रहे हैं, जैसे Kozhikode, Malappuram, Wayanad, Kollam और Thiruvananthapuram, यानी अभी तक कोई cluster (एक ही स्रोत से बड़े पैमाने पर फैलाव) नहीं पाया गया है.

सरकार की तैयारी

बढ़ते मामलों को देखते हुए केरल सरकार ने Water is Life नाम का विशेष अभियान शुरू किया है. इसके तहत कुओं, सार्वजनिक स्नान स्थलों और पानी की टंकियों की क्लोरीनेशन की जा रही है. हेल्थ डिपार्टमेंट ने आदेश दिया है कि स्विमिंग पूल और वाटर टैंक्स में क्लोरीन का स्तर कम से कम 0.5 mg प्रति लीटर होना चाहिए. इस अभियान का मकसद है पानी के जरिए फैलने वाले इस घातक इंफेक्शन को रोका जाए.

लक्षण और सावधानियां

नेग्लेरिया संक्रमण के शुरुआती लक्षण हैं, तेज सिरदर्द, बुखार, उल्टी, गर्दन अकड़ना और भ्रम की स्थिति. यह बीमारी इतनी तेज़ी से बढ़ती है कि 5 से 7 दिनों में ही मरीज की मौत हो सकती है.

बचाव के लिए जरूरी है:

  • तालाब, झील या बिना क्लोरीन वाले पानी में तैरने से बचें.
  • पानी से जुड़े खेलों में नाक में पानी जाने से रोकें.
  • घरेलू टंकी और स्विमिंग पूल को नियमित रूप से साफ रखें.

नेग्लेरिया फाउलेरी दुनिया की सबसे दुर्लभ लेकिन सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है. पिछले 60 सालों में दुनिया भर में सिर्फ 488 मौतें दर्ज हुई थीं, लेकिन भारत में 2025 के नौ महीनों में ही 19 जिंदगियां चली गईं. यह तथ्य दिखाता है कि बदलती जलवायु और स्वच्छता की चुनौतियां भारत को इस बीमारी के प्रति और ज्यादा सतर्क रहने का संदेश दे रही हैं.

इसे भी पढ़ें- Protect Skin From UV Rays: ये 7 फायदे जान लिए तो कभी नहीं भूलेंगी सनस्क्रीन लगाना, कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगी सूरज की रोशनी

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator



Source link

Leave a Reply