
मेथी वॉटर आमतौर पर सुबह खाली पेट पिया जाता है. मेथी के बीजों में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, सैपोनिन्स और फ्लेवोनॉयड्स जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं. ये तत्व शरीर को डिटॉक्स करने, सूजन कम करने और हार्मोन बैलेंस बनाने में मदद करते हैं.

भिगोया हुआ मेथी वॉटर बनाने के लिए बीजों को 6-8 घंटे पानी में रखा जाता है. इससे पानी हल्का भूरा हो जाता है और बीजों के पोषक तत्व उसमें घुल जाते हैं. यह प्रक्रिया गर्मी-संवेदनशील एंजाइम और न्यूट्रिएंट्स को सुरक्षित रखती है.

सोखिंग से बने मेथी वॉटर का फायदा यह है कि यह डाइजेशन को बेहतर बनाता है, ब्लड शुगर कंट्रोल करता है और मेटाबॉलिज्म तेज करता है. इसके साथ ही यह स्किन और हेयर हेल्थ को भी सपोर्ट करता है. इसमें मौजूद फाइबर आंतों के लिए प्रीबायोटिक का काम करता है.

उबला हुआ मेथी वॉटर बनाने के लिए बीजों को पानी में 3-5 मिनट तक उबाला जाता है. इस प्रक्रिया से सैपोनिन्स और अल्कलॉइड्स जैसे तत्व ज़्यादा मात्रा में निकलते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने और सूजन घटाने में मदद करते हैं.

हालांकि उबालने से कुछ न्यूट्रिएंट्स और एंजाइम नष्ट हो जाते हैं, लेकिन इसका स्वाद ज़्यादा स्मूद होता है और यह जल्दी तैयार हो जाता है. इसे खासकर उन लोगों के लिए बेहतर माना जाता है जिन्हें मेथी का कड़वा स्वाद पसंद नहीं आता.

एक्सपर्ट का मानना है कि भिगोया हुआ मेथी वॉटर रोज़ सुबह पीना बेहतर है क्योंकि यह पाचन और ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए ज़्यादा फायदेमंद है. वहीं उबला हुआ मेथी वॉटर हफ्ते में कुछ बार पी सकते हैं, खासकर सूजन, हाई कोलेस्ट्रॉल और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं में.

बेहतर नतीजों के लिए सुबह खाली पेट मेथी वॉटर पिएं. शुरुआत कम मात्रा से करें और धीरे-धीरे बढ़ाएं. गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं और दवा लेने वाले लोग इसे नियमित रूप से शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
Published at : 20 Sep 2025 10:40 AM (IST)