स्वाति का इश्क, मनोज की साजिश और योगेश की हत्या… प्रेमी के लिए घर वालों को नींद की गोली देने वाली लड़की की कहानी – moradabad Swati meet her lover after giving sleeping pills to her family lclg

स्वाति का इश्क, मनोज की साजिश और योगेश की हत्या… प्रेमी के लिए घर वालों को नींद की गोली देने वाली लड़की की कहानी – moradabad Swati meet her lover after giving sleeping pills to her family lclg


कहते हैं कि प्यार इंसान को अंधा कर देता है, लेकिन कभी-कभी यह अंधापन उसे ऐसी खाई में धकेल देता है, जहां से वापसी नामुमकिन हो जाती है. मुरादाबाद की स्वाति के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. वह अपने प्रेमी मनोज के इश्क में इस कदर डूबी थी कि वह नींद की गोलियां अपने घरवालों के खाने में मिलाकर उन्हें बेहोश कर देती और छत पर जाकर मनोज से मिलती. जब परिवार ने शक करना शुरू किया, तो प्रेम और जुनून में डूबी इस जोड़ी ने इतनी खतरनाक साजिश रची कि उसके लिए गांव के ही एक बेगुनाह युवक योगेश की बलि चढ़ा दी.

ऐसे खुली इनकी कहानी

18 सितंबर की सुबह मुरादाबाद के पाकबड़ा इलाके में एक अज्ञात शव मिलने से हड़कंप मच गया. मृतक के पास मोबाइल पड़ा था. मोबाइल खंगाला गया तो पता चला कि मरने से पहले उसने डायल 112 पर कॉल की थी. कॉल में आवाज किसी पिता और भाइयों पर पिटाई का आरोप लगाती सुनाई दे रही थी. पुलिस ने पहले इसे डाइंग डिक्लेरेशन मानकर जांच शुरू की. लेकिन जल्द ही मामला पेचीदा हो गया. जब पुलिस ने कॉल रिकॉर्डिंग गांव वालों और मृतक के परिजनों को सुनाई, तो उन्होंने साफ कहा कि यह आवाज योगेश की नहीं है. यहीं से पुलिस को शक हुआ कि कुछ बड़ा खेल रचा गया है.

कॉल डिटेल के साथ पता चला

कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और लोकेशन ट्रैकिंग से जो जानकारी सामने आई, उसने जांच की दिशा बदल दी. पता चला कि मृतक योगेश का सीधा-सीधा विवाद शोभाराम या उसके बेटों से नहीं था. इसके बजाय शोभाराम की बेटी स्वाति और गांव के ही मनोज नामक युवक के बीच गुप्त प्रेम प्रसंग चल रहा था. यही प्रेम कहानी इस सनसनीखेज हत्या की जड़ निकली. पुलिस ने जब गहराई से पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि मनोज अक्सर स्वाति को नींद की गोलियां देता था. स्वाति उन गोलियों को आटे में मिलाकर परिवार को खिला देती. खाना खाते ही पिता और भाई गहरी नींद में डूब जाते और इसी दौरान स्वाति छत पर जाकर मनोज से मिलती. धीरे-धीरे घरवालों को शक होने लगा. रोक-टोक बढ़ी तो प्रेमियों को लगा कि अब यह रिश्ता बचना मुश्किल है. तभी दोनों ने एक खतरनाक रास्ता चुना—पिता और भाइयों को जेल भिजवाने का.

योगेश को ही क्यों मारा

दरअसल, योगेश मनोज का पुराना जानकार था. दोनों रंगाई-पुताई का काम करते थे और अक्सर साथ बैठकर शराब भी पीते थे. हत्या वाले दिन योगेश अचानक मनोज के रास्ते में आ गया. शराब का लालच देकर उसे अपने जाल में फंसा लिया गया. शाम को तीनों बैठे तो मनोज ने योगेश के गिलास में नींद की गोलियां मिला दीं. कुछ ही देर में योगेश बेसुध हो गया. इसके बाद आरोपियों ने पहले ईंट से उसके सिर पर वार किया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. हत्या के बाद कहानी को असली रूप देने के लिए मृतक के मोबाइल से कॉल की गई. आवाज बदलकर ऐसा जताया गया मानो योगेश खुद कह रहा हो कि पिता शोभाराम और भाई कपिल-गौरव ने उसकी पिटाई की है. यही डाइंग डिक्लेरेशन बाद में पुलिस की पहली थ्योरी बनी.

पुलिस की पैनी जांच

शुरुआत में केस आसान लग रहा था. कॉल में नामजद हुए पिता और भाई मुख्य आरोपी माने जा रहे थे. लेकिन एसएसपी सतपाल अंतिल ने टीम को और गहराई से जांच करने को कहा. जैसे ही कॉल रिकॉर्डिंग को तकनीकी जांच से गुजारा गया, यह साफ हो गया कि आवाज बदली गई है. इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और मोबाइल लोकेशन से स्वाति और मनोज की पूरी साजिश सामने आ गई.

एनकाउंटर में पकड़ा गया मनोज

पुलिस जब आरोपियों तक पहुंची तो मनोज ने गिरफ्तारी से बचने की कोशिश की. मुठभेड़ में उसे पैर में गोली लगी और आखिरकार पुलिस ने उसे दबोच लिया. स्वाति और एक अन्य साथी मनजीत को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. एसएसपी सतपाल अंतिल ने खुलासा करते हुए कहा, यह पूरा षड्यंत्र फिल्मों और क्राइम पेट्रोल जैसे सीरियल देखकर रचा गया था. आरोपी चाहते थे कि निर्दोष योगेश की हत्या का आरोप पिता और भाइयों पर लगे और रास्ता साफ हो जाए. लेकिन इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों ने उनकी साजिश बेनकाब कर दी.

इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक की मेहनत

इस केस की गुत्थी सुलझाने में पाकबड़ा पुलिस की टीम ने लगातार 72 घंटे मेहनत की. कॉल डिटेल, मोबाइल लोकेशन, गवाहों के बयान और तकनीकी सबूतों को जोड़कर आखिरकार हत्या की असली पटकथा सामने आई. पुलिस टीम की सफलता पर उन्हें 25 हजार रुपये का इनाम भी दिया गया.

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