अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस जंग का अखाड़ा बनता दिख रहा है जिसे अमेरिका दोबारा हासिल करना चाहता है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि एयरबेस अमेरिका ने बनाया है और अगर तालिबान इसे वापस नहीं करता तो अंजाम बुरा होगा. लेकिन तालिबान ने भी साफ कर दिया है कि वो अमेरिका को अपनी जमीन का एक मीटर भी नहीं देगा.
तालिबान ने अब कहा है कि अगर अमेरिका बगराम एयरबेस पर फिर से कब्जे की कोशिश करता है तो वो फिर से युद्ध के लिए तैयार रहे. इसके साथ ही तालिबान ने पाकिस्तान को भी चेतावनी दी है कि अगर वो इस काम में अमेरिका की मदद करता है तो उस पर सीधा हमला होगा.
कंधार में आयोजित हाई लेवल मीटिंग में अफगान तालिबान ने यह कसम खाई है कि वो अमेरिका को दोबारा बगराम एयरबेस पर कब्जा नहीं करने देगा. तालिबान के वरिष्ठ सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने शीर्ष कैबिनेट अधिकारियों, खुफिया प्रमुखों, सैन्य कमांडरों और उलेमा परिषद के साथ एक बंद कमरे में बैठक बुलाई.
इस दौरान बगराम एयरबेस को लेकर ट्रंप की टिप्पणियों और अमेरिका की संभावित कार्रवाई पर चर्चा हुई. बैठक में तालिबान ने सर्वसम्मति से इस बात को खारिज कर दिया कि बगराम एयरबेस दोबारा अमेरिका को सौंपी जाएगी. मीटिंग के दौरान तालिबान नेतृत्व ने कहा कि अगर हमला हुआ तो तालिबान युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है.
तालिबान ने पाकिस्तान को चेताया
बैठक में तालिबानी नेताओं ने अमेरिका को युद्ध की धमकी तो दी ही, साथ ही पाकिस्तान को भी चेताया है. तालिबान के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि नेताओं ने घोषणा की कि अगर पाकिस्तान किसी भी रूप में, चाहे वह सैन्य या कूटनीतिक हो, अमेरिका की मदद या समर्थन करता है, तो तालिबान उसे दुश्मन राष्ट्र मानेगा.
सूत्रों के अनुसार, तालिबान ने फैसला किया है कि वो इस मुद्दे को लेकर रूस, चीन, ईरान, पाकिस्तान, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और यहां तक कि भारत को भी अपने रुख के अवगत कराएगा.
ट्रंप की तालिबान को धमकी और तालिबान का कड़ा पलटवार
बगराम एयरबेस से चीन की नजदीकी को देखते हुए ट्रंप इसे दोबारा हासिल करने की कोशिश में हैं. ट्रंप का दावा है कि एयरबेस चीन के परमाणु हथियार बनाने वाली साइट से महज एक घंटे की दूरी पर है इसलिए अमेरिका इस एयरबेस पर दोबारा कंट्रोल स्थापित करेगा.
बीते रविवार को ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट में ट्रंप ने कहा, ‘अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को इसे बनाने वालों, यानी अमेरिका को वापस नहीं करता तो बहुत बुरा होगा.’
इससे पहले अपने ब्रिटेन दौरे में भी ट्रंप ने बगराम एयरबेस का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था, ‘बगराम दुनिया के सबसे बड़े एयरबेस में से एक है जिसे हमने वापस कर दिया था. लेकिन अब हम इसे फिर से वापस चाहते हैं क्योंकि इसके एक घंटे की दूरी पर ही चीन अपने परमाणु हथियार बनाता है.’
तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने ट्रंप की धमकियों के जवाब में एक इंटरव्यू में कहा, ‘अमेरिकियों को अफगान जमीन का एक मीटर टुकड़ा भी नहीं दिया जाएगा.’
इसके बाद तालिबान के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी जाकिर जलाली ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘अफगानों ने इतिहास में कभी भी विदेशी सेना की मौजूदगी को नहीं स्वीकारा.’
किसने बनाया था बगराम एयरबेस?
बगराम एयरबेस अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के उत्तर में 60 किलोमीटर दूर परवान प्रांत में है. सबसे पहले इस एयरबेस को रूस ने बनाया था, 1950 के दशक के.
अमेरिका ने 2001 में तालिबान को सत्ता से हटाकर एयरबेस पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था लेकिन तब तक युद्ध में एयरेबस लगभग बर्बाद हो चुका था. अमेरिका ने दोबारा इस विशाल एयरबेस को बनाया जो कि 77 वर्ग किमी में फैला है.
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