14 मिनट पहलेलेखक: अमित कर्ण
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एक्टर सलमान खान पर एक बार फिर दबंग फेम डायरेक्टर अभिनव कश्यप ने हाल ही में कई संगीन आरोप लगाए हैं। सलमान को खासकर उन्होंने एक्टिंग के प्रोसेस में ध्यान न लगाने वाला बेपरवाह एक्टर करार दिया। हालांकि, हाल ही में दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में फिल्म ‘दबंग’ में सलमान के को एक्टर राम सुजान सिंह ने आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। फिल्म में रामसुजान ने कॉन्स्टेबल चौबे जी का रोल प्ले किया था।
सवाल: अभिनव कश्यप ने कहा कि सलमान खान की एक्टिंग में कोई दिलचस्पी नहीं है, आपने साथ काम किया है, तो आपका अनुभव कैसे रहा?
जवाब: मुझे सलमान भाई ने बहुत इज्जत दी है, जितनी मुझे शायद नहीं मिलनी चाहिए थी, उससे कहीं ज्यादा उन्होंने दी। उन्होंने दूसरों के साथ क्या किया, मैं नहीं जानता, लेकिन मेरे साथ उनका व्यवहार बहुत अच्छा था। एक बार मेरे यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में, उन्होंने देखा कि मैं जमीन पर बैठकर खाना खा रहा था।
उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि आज से आप मेरे साथ ही खाना खाएंगे। सोचिए, हमारी उनसे पहली मुलाकात भी नहीं हुई थी, फिर भी उन्होंने इतनी छोटी सी बात पर ध्यान दिया। एक और घटना याद है, ‘दबंग’ की शूटिंग चल रही थी। दोपहर के ढाई बजे के आसपास लंच ब्रेक हुआ। मैं खाना खा चुका था, लेकिन भाई ने नहीं खाया था।

राम सुजान सिंह को ‘दबंग’ सीरीज से लोगों के बीच खास पहचान मिली।
सलमान भाई ने पूछा, “खाना खा लिया क्या?” मैंने हां कहा। उन्होंने बताया कि उनका खाना देर से आता है। मुझे बहुत अजीब लगा कि इतना बड़ा स्टार अभी तक भूखा है। मुझे लगा कि उन्होंने खाना नहीं खाया तो मैं भी अगले दिन नहीं खाऊंगा। जब अगले दिन उन्होंने मुझे बुलाया, तो मैंने कहा कि मैंने खाना नहीं खाया है। उन्होंने कहा, “मेरे साथ खाइए।” जो इंसान इतनी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देता हो, वह सेट पर कैसा व्यवहार करेगा? मुझे तो उन्होंने बहुत सम्मान दिया।
सवाल: सलमान खान के साथ आपका पहला शॉट कैसा था? उस शॉट से पहले आपकी तैयारी कैसी थी?
जवाब: मैं बहुत ज्यादा नर्वस था। पहला शॉट बहुत ही मुश्किल था और मुझे सीन करने में दो-तीन घंटे लग गए। बड़े कलाकार, बड़े कलाकार ही होते हैं। वह तुरंत समझ गए थे कि मैं बहुत नर्वस हूं। मैं पसीने से भीग गया था और अपनी सारी लाइन्स भूल गया था। सामने इतने बड़े स्टार को देखकर उनकी फिल्में याद आने लगी थीं।
वह मेरी स्थिति समझ गए और मुझसे बात करना शुरू कर दिया। उन्होंने मुझसे मेरा नाम, मेरे पिताजी का नाम, घर, पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछा। धीरे-धीरे मैं सहज हो गया और तब जाकर शॉट ओके हुआ। आप सोचिए, उनका ऑब्जर्वेशन कितना जबरदस्त है कि वह सामने वाले की मनोदशा को तुरंत पहचान लेते हैं।
सवाल: लोग कहते हैं कि सलमान खान सेट पर देर से आते हैं, जैसे दोपहर 2 या 2:30 बजे। क्या यह सच है?
जवाब: यह हर किसी का अपना व्यक्तिगत तरीका होता है। कोई सुबह 5 बजे उठता है, कोई 9 बजे, और कोई 12 बजे। हमें किसी के व्यक्तिगत रूटीन पर बात नहीं करनी चाहिए। हो सकता है कि वह देर रात तक काम करते हों और उनकी आंखें सुबह 11 बजे खुलती हों। इसमें किसी की प्राइवेट लाइफस्टाइल पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। मेरे भी कुछ दोस्त हैं जो दोपहर 1 बजे उठते हैं, तो मैं क्या कहूं? हां, लोग सलमान की कमियां ही बताते हैं, लेकिन मैंने उनकी बहुत मेहनत भी देखी है।
‘दबंग’ की शूटिंग के दौरान, जब एक गाना पूरा होने वाला था और सेट टूटने वाला था, तो उन्हें बताया गया कि कल शूटिंग नहीं करेंगे तो गाना पूरा नहीं होगा। सलमान भाई उस दिन सुबह 9 बजे सेट पर आ गए और अगली सुबह 7 बजे तक लगातार शूटिंग करते रहे। पूरे 20 घंटे लगातार। यह किसी ने नहीं बताया। लोग सिर्फ यह कहते हैं कि वह लेट आते हैं, लेकिन उन्होंने बिना रुके इतने घंटे काम किया है, यह कोई नहीं बताता। मैं ‘दबंग’ के मुन्नी बदनाम हुई गाने की शूटिंग की बात कर रहा हूं।
सवाल: ‘दबंग’ की शूटिंग के दौरान सलमान खान और अभिनव कश्यप का रिश्ता कैसा था?
जवाब: मुझे तो उनका रिश्ता बहुत अच्छा लगता था। एक सीन में भाई को लुंगी पहननी थी। अभिनव कश्यप ने सुझाव दिया कि लुंगी अच्छी लगेगी और भाई ने लुंगी पहनकर ही शॉट दिया। सलमान भाई जब सेट पर आते हैं तो वह एक स्टार की तरह नहीं, बल्कि एक आम इंसान की तरह व्यवहार करते हैं।
सवाल: ‘दबंग 2’ में डायरेक्टर बदल गया और अरबाज खान ने निर्देशन किया। आपको क्या लगता है इसका क्या कारण था?
जवाब: मैंने खुद भाई से इस बारे में पूछा था। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक-दो बार अभिनव को फोन करके कहा था कि पुरानी बातें भूल जाओ और आकर शूटिंग करो, लेकिन पता नहीं किस बात से वह नाराज थे और उन्होंने मना कर दिया। शूटिंग की तारीख तय हो चुकी थी, कलाकारों का शेड्यूल तय हो चुका था, सेट तैयार था… इतने बड़े प्रोजेक्ट की सारी चीजें एक साथ कैसे बदल सकती हैं? इसमें बहुत पैसा लगता है। मैंने अखबार में पढ़ा था कि शायद अभिनव के भाई ने कुछ कहा था या ऐसा ही कुछ हुआ था।
सवाल: ‘दबंग 4’ को लेकर क्या तैयारियां चल रही हैं?
जवाब: ‘दबंग 4’ को लेकर कुछ-कुछ खबरें आ रही हैं कि वह बनने वाली है, लेकिन अभी तक मेरे पास कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। यह भी निश्चित नहीं है कि वह कब बनेगी या बनेगी भी या नहीं। आधिकारिक तौर पर अभी तक मुझे कोई जानकारी नहीं मिली है कि इसका डायरेक्टर कौन होगा या इसकी क्या कहानी होगी।
सवाल: ‘दबंग’ की शूटिंग कितने दिन चली थी?
जवाब: मुझे लगता है कि लगभग 80-85 दिनों तक शूटिंग चली थी।

राम सुजान सिंह ने जिला गाजियाबाद, अपहरण, चाचा विधायक हैं जैसे प्रोजेक्ट में भी काम किया है।
सवाल: इन 80-85 दिनों में क्या आपको कभी सेट पर सलमान और अभिनव कश्यप के बीच कोई तनाव महसूस हुआ?
जवाब: नहीं, बिल्कुल नहीं। ऐसा तो बिल्कुल नहीं लगा। काम इतने मजेदार और खुशनुमा माहौल में होता था कि मुझे कभी एहसास ही नहीं हुआ। अभिनव जी से भी बातें होती थीं और सलमान सर से भी। ऐसा लगता ही नहीं था कि कोई फिल्म की शूटिंग चल रही है। हम हंसते-खेलते काम करते थे। हमें पता ही नहीं था कि यह फिल्म इतनी बड़ी हिट हो जाएगी।
सवाल: ‘दबंग’ की शूटिंग कहां हुई थी?
जवाब: कुछ शूटिंग बॉम्बे में और कुछ वाई (महाराष्ट्र) और पंचगनी में हुई थी। उस समय उत्तर प्रदेश में इतनी शूटिंग नहीं होती थी।
सवाल: अभिनव कश्यप ने अब सलमान खान पर जो आरोप लगाए हैं, उन्हें सुनकर आपको कैसा लगा?
जवाब: जब मैंने यह सब सुना तो मुझे लगा कि इतने दिनों बाद इस तरह की बातें क्यों हो रही हैं? एक समय था जब उन दोनों के बीच बहुत अच्छे संबंध थे। वह साथ में पार्टियों में, फिल्म प्रीमियर और अवॉर्ड शो में जाते थे। जब आप इतने करीब थे तो अगर कोई समस्या थी, तो उसे आपस में बैठकर सुलझाना चाहिए था, सार्वजनिक रूप से क्यों आना? देखिए, अगर मेरे और आपके बीच कोई मनमुटाव है, तो मैं उसे पहले निजी तौर पर सुलझाने की कोशिश करूंगा। सार्वजनिक रूप से बात करने की क्या जरूरत है?
अगर मान लीजिए आपको उनसे कोई दिक्कत है, तो जब आप उनके इतने करीब थे, तो आपको एक बार उनसे जाकर पूछना चाहिए था कि मुझसे क्या गलती हुई है? हम लोग भी जब काम करते हैं और कोई शूटिंग खत्म होती है, तो मैं जाकर डायरेक्टर से पूछता हूं, “सर, अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफ कर दीजिएगा।”
यहां हम काम करने आए हैं। यह कोई जमीन-जायदाद की लड़ाई नहीं है, न ही अहंकार की लड़ाई है। हर कोई अपना काम कर रहा है और कमा रहा है। इसमें किसी के साथ क्या करना है? उस फिल्म के बाद अभिनव एक बहुत बड़े डायरेक्टर बन गए थे। उन्होंने ‘बेशरम’ बनाई, जो नहीं चली। क्या होता है ना, अगर आपका मन साफ होता है तो बहुत सारी फिल्में चलती हैं, अगर नहीं होता तो नहीं चलतीं।
‘बेशरम’ की शूटिंग के दौरान मुझे सेट पर लोग बार-बार पूछते थे, “अरे, ‘दबंग 2’ कैसी चल रही है?” मैंने कहा, तुलना क्यों कर रहे हो? वह एक अलग फिल्म है। मैं ‘बेशरम’ में भी था, लेकिन उन्होंने मेरा पूरा सीन काट दिया और मैं फिल्म में हूं ही नहीं। मैंने चार दिन की शूटिंग की थी, मेरा एक इंट्रोड्यूसिंग शॉट था, गाना रिकॉर्ड हुआ था। तो किसी से दुश्मनी मेरी तो नहीं थी। श्याम कौशल जी फाइट मास्टर थे, मेरी रणबीर कपूर के साथ अच्छी-खासी फाइट हुई थी। चार-पांच दिन की शूटिंग के बाद मुझे फिल्म से निकाल दिया गया।
कुल मिलाकर, मुझे यह सब बेवजह की बातें लगती हैं। न तो कोई इनकी बातों पर ध्यान दे रहा है और न ही उधर से कोई जवाब आ रहा है। मुझे ऐसी बातें पसंद नहीं हैं कि आप इंडस्ट्री में काम करने आए हैं और अपने ही परिवार पर आरोप लगाएँ। यह अच्छी बात नहीं है। यह सब बैठकर सुलझाना चाहिए।
सवाल: ‘दबंग’ में सलमान खान अपने एक्शन सीक्वेंस खुद करते थे या बॉडी डबल का इस्तेमाल होता था?
जवाब: नहीं सर, नहीं। मैंने जो ‘छेदी सिंह’ वाला पार्ट किया था, उसमें भाई खुद ही एक्शन करते थे। मैं करीब 27 दिन की शूटिंग पर था और मैं खुद वहां मौजूद था। फाइट मास्टर विजयन (साउथ के) थे। मैंने एक दिन भी नहीं देखा कि भाई ने बॉडी डबल का इस्तेमाल किया हो। वह खुद फाइट करते थे। यहां तक कि कभी थक भी जाते थे या चोट लग जाती थी, तो भी कहते थे कि ‘आई एम फाइन, मैं यह शॉट देता हूं’। मुझे समझ नहीं आता कि इतनी कन्ट्रोवर्सी क्यों हो रही है। मुझे तो ऐसा कुछ भी समझ नहीं आया।
सवाल: आपको क्या लगता है कि इस तरह सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाना सही है?
जवाब: मैं व्यक्तिगत रूप से कहूं तो अगर मैं किसी बड़े आदमी को सार्वजनिक रूप से गाली दूं, तो यह मेरी गलती है। मैं कितने दिन तक इस तरह की पब्लिसिटी हासिल कर सकता हूं? एक न एक दिन मुझे सच्चाई का सामना करना ही पड़ेगा। मुझे लगता है कि ये सब बातें आपस में बैठकर सुलझानी चाहिए, न कि अखबारों में पब्लिसिटी के लिए। यह गलत है।
सवाल: सलमान खान के बारे में आपका व्यक्तिगत अनुभव कैसा है?
जवाब: भाई उस तरह के इंसान नहीं हैं। वह बहुत ही प्यारे इंसान हैं। ‘दबंग’ में एक हवलदार का किरदार निभाने वाले यादव जी (दधि भाई बुलाते हैं उनको) थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। आप विश्वास नहीं करेंगे, मैंने बांद्रा के मेहबूब स्टूडियो में जाकर भाई को बताया, जहां वह शूटिंग कर रहे थे। उन्होंने उस अस्पताल का पूरा बिल चुकाया। मैं ऐसे अच्छे इंसान को बुरा कैसे कह सकता हूं जो हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं? हां, लेकिन आपकी समस्या सही और वास्तविक होनी चाहिए। दुनिया में हर कोई लूटने के लिए तैयार बैठा है, इसका मतलब यह नहीं है कि कोई लुटाने के लिए कमाकर बैठा है। जो बात है, वह सच्चाई है।
सवाल: क्या कोविड काल में भी उन्होंने लोगों की मदद की थी?
जवाब: हां, कोविड काल में भी उन्होंने सीधे अकाउंट में पैसे भेजे थे। वह अस्पताल का बिल था, जो सीधे अस्पताल के अकाउंट में चला गया। आपका काम हो गया ना? एक हाथ में कैश देने की बात मूर्खों वाली होती है। एक रुपया हो या एक लाख, इससे कोई मतलब नहीं है। जरूरत के समय मदद करना सबसे बड़ी बात है। इसे सबके सामने शेयर करना अच्छी बात नहीं है।