3 दिन पहलेलेखक: इंद्रेश गुप्ता
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एक्ट्रेस शांति प्रिया तीन दशकों के बाद तमिल फिल्म ‘बैड गर्ल’ के जरिए बड़े पर्दे पर वापसी कर रही हैं। इस फिल्म में वह एक मां की भूमिका निभा रही हैं, जो आज के माता-पिता और बच्चों के रिश्तों की जटिलताओं को दर्शाती है। फिल्म की रिलीज से पहले उनसे एक खास बातचीत हुई…
‘बैड गर्ल’ से आपकी वापसी हो रही है। इस फिल्म में ऐसा क्या खास है जो आपने इसे चुना?
इस फिल्म में बहुत कुछ खास है। 35 साल बाद तमिल सिनेमा में वापसी करना और वो भी बड़े पर्दे पर, यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। यह मेरे करियर की वापसी नहीं, बल्कि एक ‘रीबर्थ’ है। इसमें मेरा किरदार बहुत ही बेहतरीन है। मैं इसमें एक मां का किरदार निभा रही हूं, जो आजकल के बच्चों और माता-पिता के बीच की गलतफहमियों को दिखाती है। फिल्म का संदेश है कि कोई भी गलत नहीं होता, बस समझने और बात करने का तरीका अलग होता है। फिल्म की निर्देशक वर्षा भारत हैं, जिन्होंने इस विषय को बहुत संवेदनशीलता के साथ दर्शाया है। यह फिल्म न केवल एक मां-बेटी के रिश्ते को दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि एक महिला का दिल और उसकी भावनाएं क्या होती हैं।

लंबे समय बाद कैमरे के सामने आने पर क्या कुछ बदलाव महसूस हुआ?
मैं एक क्लासिकल डांसर हूं और पहले भी कई फिल्मों में काम कर चुकी हूं, इसलिए कैमरे का सामना करने में मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। हालांकि, इतने सालों बाद तमिल फिल्म इंडस्ट्री में लौटना मेरे लिए किसी अपने घर लौटने जैसा अनुभव था।
मेरी मातृभाषा तेलुगु है, लेकिन मैं चेन्नई में पली-बढ़ी हूं और मेरे करियर की शुरुआत भी तमिल सिनेमा से ही हुई थी। इसलिए जब मैं सेट पर तमिल में बात कर रही थी, तो ऐसा लगा जैसे मैं अपनी मां के घर में हूं। यह अनुभव मेरे लिए बेहद भावुक और सुखद था।
आपने एक लंबा ब्रेक क्यों लिया? क्या कभी वापसी का विचार मन में आया था?
मैंने कभी भी एक्टिंग को पूरी तरह से नहीं छोड़ा था। हिंदी सिनेमा में मैंने लगातार काम किया है। मैंने सिर्फ तमिल फिल्म इंडस्ट्री से ही एक लंबा ब्रेक लिया था। मैंने ‘आर्यमान’, ‘माता की चौकी’ और ‘द्वारकादीश’ जैसे शो भी किए हैं। मेरे पति के निधन के बाद मुझे अपने बच्चों की परवरिश करनी थी। एक सिंगल पेरेंट होने के नाते वह मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी थी। अब जब मेरे बच्चे बड़े हो गए हैं, तो मैं पूरी तरह से अपने काम पर ध्यान दे सकती हूं। यह मेरा जुनून है और मुझे लगता है कि मैं अब उस दुनिया में वापस आ गई हूं, जहां मैं सबसे ज्यादा सहज महसूस करती हूं।
आप आगे किस तरह के किरदार निभाना पसंद करेंगी?
मैं ग्लैमरस नहीं, बल्कि एक कलाकार के तौर पर ऐसे किरदार निभाना चाहती हूं, जिन्हें दर्शक याद रखें। मैं फिल्म में सिर्फ एक प्रॉप या किसी के पीछे खड़ी होने के लिए नहीं आना चाहती। मुझे ऐसे किरदार चाहिए जो फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाएं। मेरी उम्र के हिसाब से मैं एक मैच्योर लव स्टोरी करना चाहती हूं, एक फुल-ऑन कॉमेडी फिल्म करना चाहती हूं और साथ ही एक बेहतरीन एक्शन फिल्म भी करना चाहती हूं। मैं अपने दर्शकों को यह दिखाना चाहती हूं कि मैं क्या कर सकती हूं और वे मुझसे क्या उम्मीद कर सकते हैं।

1991 में रिलीज हुई सौगंध बतौर लीड एक्टर अक्षय कुमार की पहली फिल्म थी।
क्या आप डायरेक्शन या प्रोडक्शन में भी उतरना चाहेंगी?
बिल्कुल, क्यों नहीं। मेरे छोटे बेटे ने हाल ही में बतौर राइटर, डायरेक्टर और क्रिएटिव हेड के रूप में काम करना शुरू किया है और बड़ा बेटा सिंगर और म्यूजिक कंपोजर है। हम महान फिल्म निर्माता वी. शांताराम की विरासत से आते हैं। उनका नाम आगे बढ़ाना हमारा फर्ज है। हम जरूर मिलकर उनका नाम रोशन करेंगे। अगर हमे मौका मिला तो हम जरूर एक साथ काम करेंगे और अपने परिवार की इस विरासत को आगे ले जाएंगे।
आज के दौर के किस अभिनेता के साथ आप काम करना पसंद करेंगी?
मैं किसी एक एक्टर का नाम नहीं लेना चाहूंगी। मैंने अपने करियर की शुरुआत में बहुत जल्द शादी कर ली, इसलिए मुझे बहुत से एक्टर्स के साथ काम करने का मौका नहीं मिला। अब मैं वापस आ गई हूं तो मैं सभी के साथ काम करना चाहती हूं। हर एक्टर अलग होता है, चाहे वो सलमान खान हों, आमिर खान हों, विक्की कौशल हों, आयुष्मान खुराना हों या रणबीर कपूर हों। सभी के साथ काम करना एक अलग अनुभव होगा। मैं एक कलाकार के तौर पर हर किसी के साथ काम करने को उत्सुक हूं, क्योंकि हर कलाकार कुछ नया सिखाता है।
क्या आपको अपने करियर के किसी फैसले पर पछतावा है?
मुझे पछतावा तो नहीं लेकिन मुझे लगता है कि शादी के बाद मैंने जो ब्रेक लिया, उस पर मुझे दो बार सोचना चाहिए था। मुझे लगता है कि मैंने बहुत कुछ मिस कर दिया। उस समय अगर मैं रुककर सोचती तो शायद मेरा करियर एक अलग मोड़ पर होता। लेकिन जो हुआ सो हुआ, अब मैं आगे देख रही हूं। अब मेरे पास एक नया मौका है, और मैं उसे पूरी तरह से भुनाना चाहती हूं।

शांतिप्रिया ने सौगंध से बॉलीवुड डेब्यू किया था। वो इससे पहले साउथ में करीबन 25 फिल्में कर चुकी थीं।
आपने मिथुन और अक्षय के साथ भी काम किया। क्या फिर से साथ काम करने पर कोई बातचीत हुई?
अगर मौका मिला तो मैं जरूर उनके साथ काम करना चाहूंगी। मिथुन और अक्षय हमारे दौर के बेहतरीन कलाकार रहे हैं और उनके साथ काम करना हमेशा एक बेहतरीन अनुभव होता है। ऐसा नहीं है कि किसी ने काम करने से मना किया हो। अगर कोई अच्छी कहानी और किरदार हो, तो मैं उनके साथ क्यों नहीं काम करूंगी? चाहे वह मिथुन जी हों, अक्षय जी हों, सुनील शेट्टी जी हों, या हमारे समय के कोई भी कलाकार हों। आज मेरा मकसद अपने काम से एक ऐसी विरासत छोड़ना है, जिसे लोग याद रखें। नाम तो सब कमाते हैं, लेकिन एक लेगेसी छोड़ना बहुत बड़ी बात होती है।