NSA के तहत गिरफ्तार सोनम वांगचुक जोधपुर जेल शिफ्ट, हाई-सिक्योरिटी वार्ड में CCTV से 24 घंटे होगी निगरानी – sonam wangchuk arrest ladakh nsa protest statehood violence curfew secmol environmentalist ntc

NSA के तहत गिरफ्तार सोनम वांगचुक जोधपुर जेल शिफ्ट, हाई-सिक्योरिटी वार्ड में CCTV से 24 घंटे होगी निगरानी – sonam wangchuk arrest ladakh nsa protest statehood violence curfew secmol environmentalist ntc


लद्दाख में स्टेटहुड और संवैधानिक सुरक्षा को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार हुए पर्यावरण और शिक्षा के लिए मशहूर कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को जोधपुर जेल शिफ्ट किया गया है. इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की मौत और 90 लोग घायल हुए थे. लद्दाख प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से लेह जिले में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया है. 

लेह एयरपोर्ट पर आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें स्पेशल फ्लाइट से जोधपुर लाया गया. जोधपुर पहुंचने के बाद, सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था में उन्हें जेल ले जाया गया. वहां कई सुरक्षा वाहनों के कावेलकेड के जरिए उन्हें उच्च सुरक्षा वार्ड में रखा गया. 

सोनम वांगचुक की मेडिकल जांच पूरी कर ली गई है. उन्हें उच्च सुरक्षा वार्ड में रखा गया है. 24 घंटे सुरक्षा और CCTV निगरानी जारी है. 

शुक्रवार को पूरे दिन क्या हुआ?

सोनम वांगचुक को क़रीब ढाई बजे लेह में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की योजना थी. जब वे नहीं पहुंचे, तो आयोजकों को चिंता हुई और पता चला कि उन्हें उनके गांव उल्याकटोपो से लद्दाख पुलिस की एक टीम ने गिरफ्तार कर लिया, जिसकी अगुवाई डीजीएसडी सिंह जमवाल कर रहे थे.

वांगचुक को तुरंत लद्दाख से बाहर भेज दिया गया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयोजकों ने कहा कि हाल की हिंसा युवाओं के नियंत्रण खो देने की वजह से हुई थी और इसमें किसी विदेशी हाथ का हस्तक्षेप नहीं था.

लेह एपेक्स बॉडी के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने विदेशी हाथ की बात खारिज करते हुए न्यायिक जांच की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और सीआरपीएफ ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चेतावनी गोली का इस्तेमाल नहीं किया और सीधे फायरिंग की.

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दोरजे ने बताया कि 35 दिन का अनशन सोनम वांगचुक के नेतृत्व में 10 सितंबर को शुरू हुआ था. इसके बाद केंद्र ने 6 अक्टूबर को वार्ता का निमंत्रण भेजा था.

हालांकि, लेह में कर्फ्यू जारी रहा और प्रशासन ने तीसरे दिन भी सख्त सुरक्षा बनाए रखी. कर्फ्यू के कारण कुछ प्रमुख शहरों में पांच या अधिक लोगों के जुटने पर प्रतिबंध भी लागू था.

FCRA लाइसेंस रद्द

ऐसा माना जा रहा है कि वांगचुक की गिरफ्तारी से एक दिन पहले, केंद्र ने उनके संगठन SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया. इसका कारण कथित वित्तीय गड़बड़ियां बताई गईं.

सोनम वांगचुक की पत्नी ने क्या कहा?

वांगचुक की पत्नी गितांजलि अंगमो ने आरोप लगाया कि सरकार झूठी कहानी फैला रही है और उनके पति को बिना कारण अपराधी की तरह ट्रीट किया गया है. 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि यह केंद्र का ध्यान भटकाने और कानून व्यवस्था में असफलता छुपाने का प्रयास है. 

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोनम वांगचुक के गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि केंद्र ने 2020 की लेह हिल काउंसिल चुनावों में किए वादों से मुकर गया. 

अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश एक कठिन दौर से गुजर रहा है और यह तानाशाही का चरम है.

लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा ने क्या कहा?

लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा ने कहा कि पुलिस फायरिंग की न्यायिक जांच होनी चाहिए. 

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सरकार का क्या कहना है?

सरकार ने आरोप लगाया कि सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल और भाषणों ने लोगों को भड़काया, जिससे 24 सितंबर को हिंसा हुई. इस हिंसा में 4 लोगों की मौत और 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. 

क्या है पूरा मामला?

सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे थे. सोनम लंबे समय से इस बात पर आंदोलन कर रहे थे और हाल ही में अनशन पर भी बैठ गए थे. इस मांग को लेकर 24 सितंबर को हिंसा हुई, जिसके बाद अब सोनम की गिरफ्तारी हुई है.

NSA के तहत गिरफ्तारी होने के क्या क्या हैं मायने?

अगर NSA किसी व्यक्ति पर लगाया जाता है तो उसे बिना आरोप के हिरासत में लिया जा सकता है. अधिकतम 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है. व्यक्ति के पास ज़मानत का अधिकार नहीं होता है. सलाहकार बोर्ड इस हिरासत की समीक्षा करती है. हिरासत का कारण बताना आवश्यक होत है. 

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