Joy Chakraborty interview on zubeen garg donation | जुबीन गर्ग ने अपनी कमाई का 70% जरूरतमंदों को दिया: कंपोजर जॉय चक्रवर्ती ने बताया- सिंगर ने घर कैंसर मरीजों को ठहराने को किया समर्पित

Joy Chakraborty interview on zubeen garg donation | जुबीन गर्ग ने अपनी कमाई का 70% जरूरतमंदों को दिया: कंपोजर जॉय चक्रवर्ती ने बताया- सिंगर ने घर कैंसर मरीजों को ठहराने को किया समर्पित


8 मिनट पहलेलेखक: अमित कर्ण

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सिंगर जुबीन गर्ग की अंतिम विदाई से पता चला कि लोगों के दिलों में उनके लिए कितनी जगह थी। जुबीन सिर्फ एक अच्छे सिंगर ही नहीं, बल्कि दूसरों की मदद करने में भी आगे रहते थे। हाल ही में दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में जुबीन के करीबी और कंपोजर जॉय चक्रवर्ती ने सिंगर के बारे में कई बातें बताईं।

सवाल: जुबीन गर्ग को असम में इतना प्यार क्यों मिलता है? क्या किसी और को भी ऐसा प्यार मिला था?

जवाब: नहीं, ऐसा प्यार न पहले किसी को मिला था और न ही शायद कभी मिलेगा। इसके पीछे सादगी और परोपकारी जीवन अहम वजहें हैं। जुबीन गर्ग को मुंबई में बहुत बड़े-बड़े मौके मिले, उनका अपना घर और बंगला भी है, लेकिन वो वहां ज्यादा नहीं रहते थे। उन्होंने अपना घर उन लोगों के लिए खोल रखा था, जिन्हें मुंबई में रहने की जगह नहीं मिलती, खासकर कैंसर के मरीजों या इलाज के लिए आए लोगों के लिए। उनका घर एक तरह से गेस्ट हाउस बन गया। उनके ज्यादातर असमी गाने प्रकृति और असम के खूबसूरत नजारों पर आधारित होते थे।

यही वजह है कि लोग उनसे बहुत जुड़ाव महसूस करते हैं। वो हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। रात में अगर कोई जरूरतमंद या बुजुर्ग इंसान सड़क पर मिलता है, तो वो उसे अपनी गाड़ी में बिठाकर अस्पताल ले जाते हैं और उसका पूरा ख्याल रखते थे। यह उनका रोज का काम था। उनके घर पर हर दिन सुबह 10 बजे से ही लोगों की भीड़ लग जाती थी।

कोई अपने बच्चे का एडमिशन कराने आता है, कोई आर्थिक मदद मांगने आता है। जुबीन अपनी कमाई का 70 प्रतिशत हिस्सा दान कर देते थे और सिर्फ 30 प्रतिशत ही अपने पास रखते थे। उन्होंने पूरे असम और पूर्वोत्तर में लाखों पेड़ लगवाए हैं। वह गेंडों की देखभाल के लिए भी काम करते हैं, उनके खाने-पीने और दवाइयों का खर्च उठाते हैं। बाढ़ के समय वो खुद रिलीफ कैंप में जाते हैं और लोगों की मदद करते हैं।

ज़ुबीन गर्ग का 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में निधन हुआ है ।

ज़ुबीन गर्ग का 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में निधन हुआ है ।

सवाल: क्या जुबीन गर्ग हमेशा से ऐसे थे?

जवाब: हां, वो बचपन से ही ऐसे हैं। उनका जन्म असम के एक जाने-माने परिवार में हुआ है। बचपन से ही उनका स्वभाव ऐसा ही रहा है। वो निडर हैं और किसी से नहीं डरते, यहां तक कि मुख्यमंत्री से भी नहीं।

सवाल: सीएए आंदोलन में जुबीन गर्ग की क्या भूमिका थी?

जवाब: असम में हुए सबसे बड़े सीएए आंदोलन का नेतृत्व जुबीन ने ही किया था। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा के खिलाफ आवाज उठाई थी। हालांकि, इसके बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा भी जुबीन से बहुत प्यार करते थे।

सवाल: क्या जुबीन गर्ग ने कभी कोई राजनीतिक पार्टी जॉइन की?

जवाब: नहीं, जुबीन ने कभी कोई राजनीतिक पार्टी जॉइन नहीं की। असम में बीजेपी और कांग्रेस जैसी कई पार्टियां हैं, लेकिन जुबीन ने कभी किसी पार्टी का साथ नहीं दिया। इसके बजाय, सभी पार्टियों के लोग और यहां तक कि मुख्यमंत्री भी उनसे सलाह लेने और बात करने उनके घर आते हैं। अगर मुख्यमंत्री कोई गलत काम करते हैं, तो जुबीन उन्हें सीधे टोक देते हैं और कहते हैं कि ‘आप संभल जाओ।’

जॉय चक्रवर्ती एक म्यूजिक कंपोजर और सिंगर हैं।

जॉय चक्रवर्ती एक म्यूजिक कंपोजर और सिंगर हैं।

सवाल: क्या जुबीन गर्ग हिंदी और असमी के अलावा भी किसी और भाषा में गाते थे?

जवाब: हां, उन्होंने सिर्फ हिंदी और असमी ही नहीं, बल्कि कई और भाषाओं में भी गाने गाए हैं। कुल मिलाकर उन्होंने 40,000 से ज्यादा गाने गाए हैं। इनमें नेपाली, बंगाली, और दक्षिण भारतीय भाषाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने असमी फिल्में भी बनाई हैं और अब बंगाली और बॉलीवुड में भी फिल्में बनाने का प्लान कर रहे थे।

सवाल: जुबीन गर्ग का स्वभाव कैसा था?

जवाब: जुबीन बेहद विनम्र और जमीनी इंसान थे। उनमें बिल्कुल भी घमंड नहीं था। वो कहीं भी किसी भी दुकान पर बैठकर खाना खा लेते थे और सबके साथ एक जैसा व्यवहार करते थे, चाहे वो मुख्यमंत्री हो या एक आम आदमी। उनके लिए सब बराबर थे।

सवाल:- जुबीन गर्ग किस राजनीतिक विचारधारा को मानते थे?

जवाब: वो खुद को ‘कामरेड’ कहते थे, लेकिन वो लेफ्टिस्ट नहीं थे, बल्कि राष्ट्रवादी विचारधारा को मानते थे। कोई भी राजनीतिक पार्टी उन पर हावी नहीं हो सकती थी। वो हमेशा अपने देश और राष्ट्र की भलाई के बारे में सोचते थे।

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