Dussehra 2025: आज हर तरफ फैले भ्रष्टाचार और अन्याय रूपी अंधकार को देखकर मन में हमेशा उस उजाले की चाह रहती है जो इस अंधकार को मिटाए. कहीं से भी कोई आस ना मिलने के बाद हमें हमारी संस्कृति के ही कुछ पन्नों से आगे बढ़ने की उम्मीद मिलती है.
हम सबने रामायण को किसी ना किसी रुप में सुना, देखा और पढ़ा ही होगा. रामायण हमें यह सीख देती है कि, चाहे असत्य और बुरी ताकतें कितनी भी ज्यादा हो जाएं पर अच्छाई के सामने उनका वजूद एक ना एक दिन मिट ही जाता है.
बुरीई पर अच्छाई की जीत है दशहरा
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है दशहरा. नौ दिन मां दुर्गा को समर्पित करने के बाद दशमी के दिन बुराई पर जीत के रूप में विजयदशमी मनाई जाती है.
इस दिन श्रीराम ने लंका के राजा रावण का वध करके अन्याय पर न्याय की स्थापना की थी. इसके अलावा इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था, इसलिए भी इसे विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है.
हिंदू पंचाग के अनुसार दशहरा की तिथि
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि, हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 01 अक्टूबर को शाम 07:01 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 02 अक्टूबर को शाम 07:10 मिनट पर होगा.
उदया तिथि के अनुसार दशहरा का त्योहार इस साल 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा. रावण सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि तमाम बुराइयों का प्रतीक है, जिसका हर दशहरे पर वध किया जाता है. आज के दौर में हमारे समाज में तमाम बुराइयां हैं, जिनका वध बहुत जरूरी है. इस दिन दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है.
एक नजर कलयुग के रावणों पर
बलात्कार
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि, देश में हर रोज बलात्कार की घटनाएं होती हैं, जिनमें हर चौथी पीड़िता नाबालिग बालिका होती है. ये डराने वाले आंकड़े बताते हैं कि हम इंसान से शैतान होते जा रहे हैं. कलियुग में इस बुराई रूपी रावण का वध करने के लिए हमें ही पहल करनी होगी.
गंदगी
स्वच्छता को लेकर व्यापक स्तर पर अभियान चलाने के बावजूद गंदगी से हमारा पीछा नहीं छूट रहा है. इसके लिए जिम्मेदार भी हम ही हैं. देश में हर रोज एक लाख मीट्रिक टन कचरा निकलता है. इसके प्रबंधन की समुचित व्यवस्था नहीं है.
भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हम नेताओं को बुरा-भला कहते रहते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 45 फीसदी भारतीयों ने अपना काम निकलवाने के लिए रिश्वत का सहारा लिया.
प्रदूषण
दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14वें नंबर पर भारत है. प्रदूषण पीएम 2.5 का स्तर तेजी से बढ़ रहा है. इस दशहरे हमें इस रावण को हर हाल में खत्म करना होगा.
अशिक्षा
अगर समाज शिक्षित नहीं होगा तो उसका विकास भी नहीं होगा. वर्तमान में भारत में 25 फीसदी लोग शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं. आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करके ही बेहतर समाज की नींव रखी जा सकती है.
गरीबी
गरीबी रूपी अभिशाप से पीछा छुड़ाना आसान नहीं है. भारत की 30 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जिंदगी बसर करने को मजबूर है. हम इस रावण को रोजगार रूपी हथियार से ही खत्म कर पाएंगे.
अंधविश्वास
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि हम भले ही 21वीं सदी में पहुंच गए हैं, लेकिन अंधविश्वास रूपी रावण का अंत नहीं हो पाया है. हाल ही में 20 बाबा ब्लैकलिस्ट हो चुके हैं. फिर भी लोगों का जादू-टोने की शरण में जाना बंद नहीं हुआ है.
रावण की जीवन सीख
रामायण के अनुसार जब रावण अपने अंतिम समय में था, तो राम ने लक्ष्मण को अपने पास बुलाया. राम ने लक्ष्मण से कहा कि, रावण नीति, राजनीति और शक्ति का महान ज्ञाता है.
ऐसे समय में जब वह संसार से विदा ले रहा है, तुम उसके पास जाकर जीवन की कुछ शिक्षा लो. राम की बात मानकर जब लक्ष्मण रावण के पास गए, तो रावण ने उन्हें तीन बातें बताईं.
शुभस्य शीघ्रम
रावण ने लक्ष्मण को शिक्षा दी कि शुभ कार्य करने में कभी देरी नहीं करनी चाहिए. जैसे ही किसी शुभ कार्य का चिंतन हो या मन में विचार आए उसे तुरंत कर डालना चाहिए. इसके अलावा अशुभ को जितना टाल सकते हो उसे टाल दो.
शत्रु छोटा नहीं
लक्ष्मण को रावण की दूसरी सीख यह थी कि, कभी भी अपने प्रतिद्वंद्वी या शत्रु को खुद से छोटा या कमतर नहीं समझना चाहिए. रावण ने स्वीकारा कि यह उसकी सबसे बड़ी भूल थी. रावण ने वानर और भालू सेना को कमतर आंका और अपना सब कुछ नष्ट कर बैठा.
रहस्य न बताओ
महाज्ञानी रावण ने लक्ष्मण को तीसरा ज्ञान यह दिया कि, अपने रहस्य कभी किसी को नहीं बताने चाहिए. रावण ने लक्ष्मण से कहा कि मेरे मृत्यु से जुड़ा रहस्य यदि में किसी को नहीं बताता तो आज मेरी मृत्यु नहीं होती. लेकिन मैंने यह रहस्य अपने भाई पर भरोसा करके बताया जिसके कारण आज में मृत्यु शैया पर पड़ा हूं.
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