गुरुग्राम में नेशनल हाईवे खेड़की दौला टोल के पास रविवार को अहीर समाज ने महापंचायत का आयोजन किया। इस दौरान वक्ताओं और कार्यकर्ताओं ने फिल्म ‘120 बहादुर’ का नाम बदलकर ‘120 वीर अहीर’ करने की मांग उठाई।
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महापंचायत में सैकड़ों लोग शामिल हुए। अहीर रेजिमेंट के कार्यकर्ताओं ने कहा कि मौजूदा शीर्षक उनकी जातीय पहचान को नहीं दर्शाता। उन्होंने कहा कि फिल्म ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित है और इसमें अहीर समुदाय के वीरों की शौर्य गाथा दिखाई गई है। ऐसे में शीर्षक में ‘अहीर’ शब्द जोड़ना उनके योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर सामने लाएगा।
अहीर महापंचायत की 2 तस्वीरें..


युवाओं और बुजुर्गों से एकजुट रहने का आह्वान कार्यक्रम में समाज के नेता अरुण यादव ने युवाओं और बुजुर्गों से एकजुट रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समुदाय की अस्मिता से जुड़ा मुद्दा है और सभी को मिलकर अपनी मांग को आगे बढ़ाना होगा।
चेतावनी और अगला कदम महापंचायत में यह भी तय हुआ कि अगर फिल्म निर्माताओं ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो अहीर समाज बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगा। आयोजकों ने निर्माताओं से जल्द बातचीत शुरू करने की अपील भी की।
फिल्म भारत-चीन युद्ध पर आधारित फिल्म “120 बहादुर” भारतीय सैनिकों की शौर्य गाथा पर आधारित है, जिसमें 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान रेजांगला की लड़ाई में अदम्य साहस दिखाने वाले 120 जवानों की कहानी दिखाई गई है।
इस फिल्म में अहीर रेजिमेंट के सैनिकों के बलिदान और देशभक्ति की भावना को दर्शाया गया है, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद दुश्मनों का डटकर सामना किया।
यह फिल्म न केवल ऐतिहासिक घटना को जीवंत करती है, बल्कि भारतीय सेना के जज़्बे और बलिदान को भी सम्मान देती है।