स्पोर्ट्स डेस्क8 मिनट पहले
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मिथुन मन्हास (सफेद सूट में) की यह फोटो रविवार की है, जब वे एनुअल जरनल मीटिंग (AGM) में शामिल होने के लिए मुंबई के BCCI ऑफिस पहुंचे थे।
फॉर्मर डोमेस्टिक क्रिकेटर मिथुन मन्हास भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI के अध्यक्ष बन गए है। इसका ऐलान रविवार को मुंबई में BCCI ऑफिस में हुई एनुअल जरनल मीटिंग (AGM) के बाद हुआ। वे इस पद पर निर्विरोध चुने गए।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने X पर पोस्ट कर मिथुन मन्हास को बधाई दी। उन्होंने लिखा- मिथुन मन्हास आधिकारिक रूप से BCCI के अध्यक्ष बन गए हैं।

J&K की अंडर-15 टीम में खेले मन्हास ने जम्मू कश्मीर से अंडर-15, अंडर-16 और अंडर-19 खेला। उन्होंने 3 साल J&K के लिए अंडर-19 खेला। साल 1995 में उन्होंने लगभग 750 रन बनाए और देश के हाईएस्ट अंड-19 स्कोरर बने।
बाद में J&K टीम के कैप्टन बने। इसी परफॉर्मेंस के चलते उनका सिलेक्शन नॉर्थ जोन के लिए हुआ। इसमें खेलते हुए मन्हास ने अपनी एक आइडेंटिटी बना ली। जूनियर क्रिकेट में उनका नाम चलने लगा।
12वीं की परीक्षा देने के बाद मन्हास कुछ महीनों के लिए पहली बार दिल्ली आए। तब उनकी उम्र 17 साल थे। यहां आकर उन्होंने दिल्ली के प्रीमियर टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और यहीं से खेलने लगे। उस दौर में दिल्ली की टीम में वीरेंद्र सहवाग, आशीष नेहरा जैसे दिग्गज खेलते थे।
दिल्ली के टूर्नामेंट में अच्छा परफॉर्म करने के चलते उनका सिलेक्शन अंडर 19 नेशनल टीम में हुआ। फिर साल 1996 में उनका सिलेक्शन रणजी ट्रॉफी में दिल्ली की टीम में हुआ। हालांकि, कोई मैच नहीं खेला। फिर अगले साल 1997 में उन्होंने दिल्ली की ओर से रणजी डेब्यू किया।
दिल्ली रणजी टीम के कैप्टन बने और ट्रॉफी दिलाई मन्हास ने दिल्ली टीम के लिए लगातार अच्छा परफॉर्म करते हुए मिडिल ऑर्डर में अपनी जगह पक्की की। 2001-02 सीजन में पहली बार रणजी ट्रॉफी में 1000+ रन बनाने वाले खिलाड़ियों में शामिल हुए। फिर वो 2006 से 2008 तक दिल्ली रणजी टीम के कप्तान रहे। उनकी कप्तानी में दिल्ली ने 2007–08 रणजी ट्रॉफी जीती। ये दिल्ली टीम का 16वां रणजी ट्रॉफी खिताब था।

मन्हास की कप्तानी में दिल्ली ने 2007–08 रणजी ट्रॉफी जीती।
दिल्ली डेयरडेविल्स से IPL डेब्यू हुआ रणजी में अच्छा परफॉरमेंस देने के चलते मन्हास का सिलेक्शन IPL के पहले सीजन में हो गया। उन्होंने 2008 में दिल्ली डेयरडेविल्स से IPL डेब्यू किया। फिर साल 2011 में IPL में पुणे वॉरियर्स इंडिया से जुड़े। 2015 में चेन्नई सुपर किंग्स टीम का हिस्सा बने।

संन्यास के बाद कोच बने साल 2017 में संन्यास के बाद कोचिंग में एंट्री की। IPL फ्रेंचाइजी किंग्स XI पंजाब (अब पंजाब किंग्स XI) और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के साथ सपोर्ट स्टाफ के रूप में जुड़े। फिर IPL में गुजरात टाइटंस के साथ कोचिंग स्टाफ में रहे।
J&K क्रिकेट एसोसिएशन के डायरेक्टर रहे मन्हास साल 2023 में जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) में क्रिकेट ऑपरेशन्स डायरेक्टर बने। J&K क्रिकेट स्ट्रक्चर को मजबूत करने में योगदान दिया। साथ ही, घरेलू क्रिकेट के खिलाड़ियों को तैयार करने पर काम किया।
BCCI अध्यक्ष के लिए क्रिकेटर होना जरूरी 2019 में BCCI के संविधान में संशोधन के बाद आम तौर पर इस तरह के नामांकन बिना किसी विरोध के स्वीकार हो जाते हैं। BCCI का मानना है कि बोर्ड का नेतृत्व किसी क्रिकेटर को करना चाहिए। इससे पहले सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी BCCI के अध्यक्ष रह चुके हैं।

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