Hypertension Signs In Eyes: आंखों में दिखते हैं हाई ब्लड प्रेशर के ये लक्षण, गलती कर दी तो चली जाएगी आंखों की रोशनी

Hypertension Signs In Eyes: आंखों में दिखते हैं हाई ब्लड प्रेशर के ये लक्षण, गलती कर दी तो चली जाएगी आंखों की रोशनी



High Blood Pressure Symptoms: आज इंसान जिन बीमारियों से सबसे ज्यादा परेशान है, उनमें से एक है हाई ब्लड प्रेशर. इसे “साइलेंट किलर” के नाम से भी जाना जाता है. शुरुआत में इसके ज्यादा लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन समय के साथ ही यह खतरनाक होता चला जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे शरीर को वह कौन सा अंग है, जो सबसे पहले हाई बीपी के लक्षण का संकेत देने लगता है, अगर नहीं पता है, तो हम आपको बता देते हैं कि वह अंग है आंख. चलिए आपको बताते हैं कि आंख से हाई बीपी के लक्षण का पता चलता है और किस तरह इससे आंख को नुकसान हो सकता है.

आंखों से कैसे पता चलता है

ऐसी कई बीमारियां हैं, जिनके लक्षण आंखों से दिखने लगते हैं, वैसा ही कुछ हाई ब्लड प्रेशर में भी होता है. रेटिना में होने वाले बदलाव से इसके बारे में पता चलता है कि आप कितना हाई बीपी के चपेट में आ चुके हैं और इससे शरीर के बाकी अंगों को कितना नुकसान हो चुका है, इसका भी अंदाजा लगाया जा सकता है. आंखों की रेटिना में छोटी ब्लड वेसल्स आपको मामूली ब्लड प्रेशर में बदलाव को भी आसानी से बता देती हैं, क्योंकि यह काफी सेंसिटिव होती हैं. आप आंख को देखकर इस तरह भी अंदाजा लगा सकते हैं कि जैसे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तुरंत छोटी ब्लड वेसल्स पहले की तुलना में सख्त और संकरी नजर आने लगती हैं. इसका असर हमारी आंख पर साफ दिखाई देता है.

आंखों को कितना नुकसान होता है

अगर हाई बीपी की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो इसका असर आंखों में साफ दिखाई पड़ता है. रेटिना को नुकसान होने लगता है, जिसे मेडिकल टर्म में ‘हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी’ कहा जाता है. इस दौरान रेटिना की आर्टरीज पहले की तुलना में काफी सख्त और मोटी होने लगती हैं. काफी समय तक अगर इसका असर रहता है, तो आर्टरीज के चारों तरफ सिल्वर वायरिंग होने लगती है. बाद में यही सख्त आर्टरीज वेन्स में ब्लड के फ्लो को भी बाधित करने लगती हैं, जिसे आर्टीरियोवेनस निकिंग कहा जाता है.

अगर यह स्थिति लंबे समय तक रही, तो इससे देखने की क्षमता पर असर होने लगता है. इसके अलावा रेटिनल वेन ऑक्लूजन, रेटिनल आर्टरी ऑक्लूजन, मैलिग्नेंट हाइपरटेंशन और सूजन और फ्लूएड का रिसाव जैसी स्थिति भी बनने लगती है. अगर यह स्थिति लंबे समय तक रहती है, फिर इसके असर हार्ट और किडनी के साथ-साथ आंखों पर इसका काफी असर पड़ता है.

क्या कहते हैं डॉक्टर 

रोहिणी, नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में कार्यरत प्रतिष्ठित नेत्र चिकित्सक डॉ. रामचंद्र सिंह बताते हैं, “हाई बीपी का असर सिर्फ हार्ट और किडनी पर ही नहीं होता, इसका असर आंखों पर भी होता है, अगर हम समय पर ध्यान न दें तो इससे आंखों को काफी नुकसान पहुंच सकता है. हाई बीपी के मरीजों को समय-समय पर आंखों की जांच करवाते रहना चाहिए.”

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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