The characters of Dhritarashtra and Sambhaji Maharaj reached every home. | अल्लू अर्जुन का गला पकड़ने वाले एक्टर बोले-आसान नहीं था: वे सरप्राइज हो गए थे, इतनी जल्दी कैसे इतनी बड़ी लाइन बोल दी – Jaipur News

The characters of Dhritarashtra and Sambhaji Maharaj reached every home. | अल्लू अर्जुन का गला पकड़ने वाले एक्टर बोले-आसान नहीं था: वे सरप्राइज हो गए थे, इतनी जल्दी कैसे इतनी बड़ी लाइन बोल दी – Jaipur News


बॉलीवुड एक्टर और फिटनेस आइकॉन ठाकुर अनूप सिंह अपनी नई फिल्म कंट्रोल के प्रमोशन के लिए जयपुर पहुंचे। होटल शकुन में दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने अपनी फिल्म, संघर्ष भरी जर्नी और राजस्थान से जुड़ाव पर खुलकर चर्चा की। अनूप सिंह ने बताया- फिल्म कंट्

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उन्होंने अल्लू अर्जुन का गला पकड़े वाले सीन के बारे में भी बताया। कहा- यह आसान नहीं था। वे मेरे डायलॉग के बाद खुद सरप्राइज हो गए कि इसने इतनी जल्दी कैसे इतनी बड़ी लाइन डिलीवर कर दी। वहां से बॉन्डिंग डवलप हुई। आगे पढ़िए पूरा इंटरव्यू…

अपनी नई फिल्म 'कंट्रोल' प्रमोट करने जयपुर पहुंचे ठाकुर अनूप सिंह।

अपनी नई फिल्म ‘कंट्रोल’ प्रमोट करने जयपुर पहुंचे ठाकुर अनूप सिंह।

सवाल: आपकी फिल्म के बारे में बताएं, किस तरह का किरदार है और क्या खास है?

ठाकुर अनूप सिंह: सबसे पहले मैं राजस्थान की मेरी दैनिक भास्कर की जनता का धन्यवाद देता हूं, जो लगातार मुझे इतना प्यार देते हैं। यहां के लोगों को मैं नमन करता हूं। पिछले कुछ साल में एआई और डीपफेक का मिसयूज करते हुए स्कैम हो रहे हैं। कई ऐसे लिंक आते हैं, जिन पर क्लिक करते ही ओटीपी आ जाता है। हम ओटीपी दे देते हैं, इसी से प्रेरित यह फिल्म है। इसका नाम कंट्रोल है। कहने का मतलब यह है कि जिसके हाथ में कंट्रोल है, उसी के हाथ में पावर है। कैसे पावर का गलत इस्तेमाल करके क्या-क्या हासिल किया जाता है और उसके क्या बदलाव आते हैं।

यही पूरी फिल्म की कहानी है। कैसे एक व्यक्ति के साथ स्कैम हो जाता है, वह कैसे पांच दिन के अंदर बतौर छुट्टी लेकर इस स्कैम को सॉल्व करता है। कैसे उसका बॉस कौन निकलता है। इसी सस्पेंस को दिखाते हुए फिल्म को तैयार किया गया है। कुछ नया करने को मिला है। रोमियो एस 3 फिल्म में मैं एक पुलिस ऑफिसर का रोल प्ले कर चुका हूं। इससे पहले धर्मरक्षक महावीर छत्रपति संभाजी महाराज कर चुका हूुं। इस फिल्म में एक अलग अवतार में लोग देख पाएंगे।

सवाल: आपकी जर्नी के बारे में बताएं, मॉडलिंग, फिटनेस, पायलट और फिर बॉलीवुड एक्टर के इस सफर के बारे में बताएं?

ठाकुर अनूप सिंह: बहुत संघर्ष से यहां तक पहुंचा हूं। पायलट और एक्टर का कोई मेल नहीं है। मेरे परिवार का मैं अकेला एक्टर हूं। संघर्ष भी उतने ही आए हैं। मैंने हमेशा यही सोचा था कि जिस काम से प्यार करूंगा, उसमें ही अपना करियर बनाउंगा। एक्टिंग फील्ड में ही मुझे असली मजा आया। महाभारत के धृतराष्ट्र का किरदार था, वह काफी प्रख्यात हो गया। वहां से मुझे लगा कि अब अच्छा काम करने को मिलेगा, लेकिन फिल्मों में काम नहीं मिल पा रहा था। टीवी पर इतना बड़ा शो करने के बाद मुझे कुछ ओर वहां करने का मन नहीं किया। इसलिए मैं साउथ की तरफ चला गया। तमिल, तेलुगू, कन्नड़ जैसी खूबसूरत इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिला। बस मेहनत करने का जज्बा चाहिए, सफलता मिल ही जाती है। अच्छे किरदार करने थे और जगह-जगह पहुंचना है। ऐसे करते हुए साउथ की भाषाओं में शुरुआत हुई। सारे स्टेट को कवर करते हुए डबिंग फिल्मों से मुझे प्यार मिलते हुए बॉलीवुड में एंट्री हुई। यहां जयंतीलाल गाढ़ा के ओनर से मुलाकात हुई। उन्होंने मुझ पर विश्वास जताया। रोमियो एस 3 हो या कंट्रोल फिल्म हो, इनमें आने का श्रेय उन्हीं को जाता है।

फिल्म शूटिंग के दौरान एक सीन में ठाकुर अनूप सिंह ने अल्लू अर्जुन गला पकड़ा था।

फिल्म शूटिंग के दौरान एक सीन में ठाकुर अनूप सिंह ने अल्लू अर्जुन गला पकड़ा था।

सवाल: अल्लू अर्जुन के साथ काम करते हुए एक सीन में उन्हें डरना था, किस तरह का एक्सपीरियंस रहा?

ठाकुर अनूप सिंह: शूटिंग का पहला दिन था। तेलुगू के डायलॉग थे। मुझे कुछ ज्यादा बताया नहीं गया था। लास्ट मिनट में बताया कि आपका शूट अल्लू अर्जुन के साथ है। आपको उनका गला पकड़ना है। पार्किंग की जगह पर धमकी देनी है। मैंने बोला- अल्लू सर का काम मैं जानता हूं, वे कितने पॉपुलर हैं। बड़े स्टार हैं। कैसे संभव होगा। फिर मैंने खुद से ही प्लान किया कि मैं सिर्फ किरदार के अकॉर्डिंग काम करूंगा। उसमें कोई अलग सा फील नहीं आने दूंगा। मैंने तेलुगू में डायलॉग याद किए थे। मैं फंबल नहीं होना चाहता था। अल्लू बहुत हंबल थे। वे मेरे डायलॉग के बाद खुद सरप्राइज हो गए कि इसने इतनी जल्दी कैसे इतनी बड़ी लाइन डिलीवर कर दी। वहां से बॉन्डिंग डवलप हुई। दोस्ती शुरू हुई। उन्होंने मुझे सलाह भी दी। उन्होंने कहा- तुम खुद के लिए टाइम लेना और विश्वास रखना, तुम्हें जहां पहुंचना है, वहां जरूर पहुंचोगे। उस टाइम पर लगा कि यह उनका बड़प्पन है। लेकिन उनका आशीर्वाद या लोगों के प्यार के दम पर यहां तक पहुंचे हैं।

सवाल: महाभारत और संभाजी महाराज के किरदार को खुद के डवलपमेंट करने में कितना योगदान मानते हैं?

ठाकुर अनूप सिंह: दोनों मेरे लिए बहुत बड़ी जगह रखते हैं। महाभारत में धृतराष्ट्र का किरदार मेरे लिए स्टेपिंग स्टोन की तरह है। घर-घर में इस किरदार के जरिए पहुंचा हूं। संभाजी महाराज के किरदार ने मुझे हर एक भारतीय के दिल में जगह दिलवाई है। जो भी व्यक्ति देश से प्रेम करता है, उसने मुझे इस किरदार के रूप में प्यार दिया है। वीर संभाजी महाराज, वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप, दुर्गादास राठौड़ के विचारों से जुड़े लोगों के मन तक मैं इस किरदार के जरिए पहुंचा। मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि मुझे ये के किरदार करने काे मिले। लोगों से जो रेस्पॉन्स मिला है, उसी का परिणाम है कि आज मैं अपनी दूसरी फिल्म के साथ यहां खड़ा हूं।

एक्टर ठाकुर अनूप सिंह के पूर्वज राजस्थान के बांसवाड़ा से हैं।

एक्टर ठाकुर अनूप सिंह के पूर्वज राजस्थान के बांसवाड़ा से हैं।

सवाल: राजस्थान से आपका जुड़ाव है, आपका परिवार उदयपुर से ताल्लुक रखता है, किस तरह का अनुभव रखते हैं?

ठाकुर अनूप सिंह: मुझसे अक्सर लोग पूछते हैं कि पहली बार जयपुर या राजस्थान आए हो। तब मैं हस देता हूं। मैं इसलिए हंस देता हूं कि मेरे पूर्वज बांसवाड़ा के हैं।, हम राजपूत है। यही कारण है कि मुझे यहां आते ही यह फील आता है कि मैं यहां पिछले जन्म में किसी न किसी जगह का राजा रहा होगा। जब भी आता हूं, अपने फोन साइड में रखकर खिड़की के बाहर देखने लगता हूं। यहां के आर्किटेक्चर की खूबसूरती को निहारता हूं। क्यों इस शहर को पिंकसिटी कहते हैं, इसे देखने लगता हूं। रात में जाकर आमेर किले का टूर मार लेता हूं। मेरी आत्मा यहीं बसी हुई है। मैं यह इसलिए नहीं कह रहा क्योंकि जयपुर में हूं। इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि मुझे कई बार यहां आने का मौका मिला।



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