Aajtak Health Summit 2025: ‘हम जो खाते हैं, वह सिर्फ हमारे शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि हमारी एनर्जी, मूड और ओवरऑल हेल्थ के लिए भी बहुत जरूरी है.’ ये बात आपको सुनी-सुनी जरूर लग रही होगी क्योंकि यह कोई नई बात नहीं है. यह एक ऐसी सीख है जो आपके माता-पिता बचपन से ही आपको देते आए हैं. अगर आप इसे समझ गए हैं तो यह अच्छी बात है, लेकिन अगर अभी भी जंक फूड और अनहेल्दी फूड्स खाना पसंद करते हैं, तो अभी भी समय है संभलने का.
आजतक हेल्थ समिट 2025 के ‘फिट है तो हिट है’ सेशन में, सेलिब्रिटी डाइटिशियन डॉ. शिखा शर्मा और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. नंदिता अय्यर ने यही बात समझाने की कोशिश की और बताया कि स्मार्ट खाने की आदतें आपकी जिंदगी कैसे बदल सकती हैं.
उन्होंने बताया कि बैलेंस्ड खाना, सही मात्रा में खाना और सही पोषण चुनना आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में आपको एनर्जिफुल, हेल्दी और फिट बनाए रखता है. साथ ही ये आदतें इम्यून सिस्टम मजबूत करने, एनर्जी बढ़ाने और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से बचने में मदद करती हैं.
सबसे बड़ा न्यूट्रिशनल मिथ
डॉ. शिखा शर्मा ने लोगों के बीच मौजूद सबसे बड़े न्यूट्रिशनल मिथ के बारे में बताया, जिसे लोग आज भी बिना सोचे-समझे फॉलो करते हैं. उन्होंने कहा, ’20वीं सदी का सबसे बड़ा मिथ है कैलोरी.’
‘कैलोरी कुछ नहीं होता. यह अनसाइंटिफिक है और मेडिकल साइंस पर आधारित नहीं है. दरअसल, कैलोरी शब्द मशीनों के लिए बना है इंसानों के लिए नहीं. लेकिन लोग बिना सोचे अपने शरीर की कैलोरी को घटाते-बढ़ाते रहते हैं. यही सबसे बड़ी वजह है कि लोगों के शरीर में गड़बड़ियां हो रही हैं.’
अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा, ‘जब अमेरिका में कैलोरी शब्द नहीं था, तब वहां की ओबिसिटी 22% थी. लेकिन जब से लोगों ने कैलोरी काउंट के हिसाब से खाना शुरू किया, ओबिसिटी बढ़कर 64% हो गई. मेरे हिसाब से वजन घटाने और हेल्दी रहने का सबसे बड़ा रोडब्लॉक यही कैलोरी है.’
‘सुपरफूड कुछ नहीं होता‘ – डॉ. नंदिता अय्यर
डॉ. नंदिता अय्यर ने भी लोगों के बीच मौजूद मिथ से पर्दा उठाया और बताया कि लोग किसी एक इंग्रेडिएंट को ‘सुपरफूड’ या ‘सुपरविलेन’ बना देते हैं, जो गलत है. आजकल इंस्टाग्राम और इंटरनेट पर ऐसे बहुत से फूड्स हैं, जिन्हें सुपरफूड्स या खतरनाक बताया जाता है लेकिन ऐसा नहीं होता.’
डॉ. अय्यर कहती हैं, ‘किसी भी एक चीज से ना तो हेल्थ बन सकती है और ना ही बिगड़ सकती है. सुपरफूड या सुपरविलेन कुछ नहीं होता.’
हेल्दी रहने के लिए सुनें अपने शरीर की आवाज
डॉ. शिखा शर्मा के अनुसार, ‘हेल्दी रहने के लिए सबसे पहले अपने शरीर को सुनना जरूरी है. हमें यह समझना होगा कि हमारे लिए क्या खाना सही है और क्या नहीं. आपके शरीर के अंदर इंटेलिजेंस है. यह आपको बताता है कि आपने क्या खाया और उसका असर क्या हुआ. जैसे अगर कुछ खाने के बाद गैस या एसिडिटी हुई या चक्कर आया तो आपका शरीर आपको संकेत दे रहा है.’
‘अगर आप इन संकेतों को सुनेंगे, तो परेशानियों से बच सकते हैं. इसके साथ ही जितना हो सके, केमिकल्स से बने फूड्स से दूर रहें. केमिकल्स आपके शरीर के लिए वायरस की तरह काम करते हैं और ये आपके शरीर की इंटेलिजेंस में शॉर्ट सर्किट कर सकते हैं.’
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