अफगानिस्तान में इंटरनेट ब्लैकआउट! जानिए तालिबान ने क्यों लिया ऐसा फैसला – Afghanistan Taliban imposes indefinite internet blackout communications shutdown ntc

अफगानिस्तान में इंटरनेट ब्लैकआउट! जानिए तालिबान ने क्यों लिया ऐसा फैसला – Afghanistan Taliban imposes indefinite internet blackout communications shutdown ntc


तालिबान ने पूरे अफ़ग़ानिस्तान में इंटरनेट और टेलीकॉम सर्विसेज को ठप करते हुए पूरे देश में कम्युनिकेशन व्यवस्था ठप करने का आदेश दिया है. ग्लोबल इंटरनेट निगरानी संस्था नेटब्लॉक्स के मुताबिक, सोमवार को कनेक्टिविटी सामान्य स्तर के एक प्रतिशत से भी कम रह गई. नेटब्लॉक्स ने कहा कि यह शटडाउन ‘व्यापक या पूर्ण ब्लैकआउट’ के बराबर है.

यह ब्लैकआउट हफ़्तों के प्रतिबंधों के बाद हुआ है. इस महीने की शुरुआत में, तालिबान अधिकारियों ने कई प्रांतों में फाइबर ऑप्टिक कनेक्शन काटना शुरू कर दिया था, जिससे हाई-स्पीड इंटरनेट गंभीर रूप से सीमित हो गया था. 16 सितंबर को, बल्ख प्रांतीय प्रवक्ता अताउल्लाह ज़ैद ने उत्तर में फाइबर ऑप्टिक सर्विसेज पर पूरी तरह बैन का ऐलान करते हुए कहा कि यह आदेश ‘अनैतिकता को रोकने’ के लिए दिया गया है.

ज़ैद ने उस वक्त एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था, “यह उपाय अनैतिक गतिविधियों को रोकने के लिए किया गया है और देश भर में कनेक्टिविटी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक विकल्प लागू किए जाएंगे.”

एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, शाम करीब 5:45 बजे (स्थानीय समयानुसार) उसके काबुल ब्यूरो से उसका संपर्क टूट गया. ब्लैकआउट से कुछ घंटे पहले, एक सरकारी अधिकारी ने इस कदम की पुष्टि करते हुए कहा कि यह शाम तक धीरे-धीरे प्रभावी होगा. अधिकारी ने एएफपी को बताया, “इसे बंद किया जाएगा, यह आज रात धीरे-धीरे होगा, आठ से नौ हज़ार टेलीकम्युनिकेशन पिलर को बंद कर दिया जाएगा.”

अधिकारी ने आगे कहा, “संचार का कोई और तरीका या व्यवस्था नहीं है. बैंकिंग सेक्टर, सीमा शुल्क, देश भर में सब कुछ प्रभावित होगा.”

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ब्लैकआउट से ज़रूरी सेवाओं पर असर

इस व्यापक ब्लैकआउट ने ज़रूरी सेवाओं को अधर में लटका दिया है. बैंक, ट्रेड नेटवर्क और सीमा शुल्क संचालन सभी ऑनलाइन सिस्टम पर काफ़ी हद तक निर्भर हैं.

अफ़ग़ानिस्तान का 9,350 किलोमीटर लंबा फ़ाइबर ऑप्टिक नेटवर्क देश को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए एक जीवनरेखा रहा है. साल 2024 में, तालिबान शासन के तहत काबुल के अधिकारियों ने इस नेटवर्क को अफ़ग़ानिस्तान को गरीबी से बाहर निकालने और दुनिया के साथ संबंधों को मज़बूत करने के लिए एक “प्राथमिकता” परियोजना बताया था.

अगस्त 2021 में सत्ता पर दोबारा कब्ज़ा करने के बाद से, तालिबान ने बड़े स्तर पर सामाजिक प्रतिबंध लगाए हैं, खासकर महिलाओं पर, और मीडिया व नागरिक समाज पर नियंत्रण कड़ा कर दिया है. लेकिन यह पहली बार है, जब उन्होंने देशव्यापी संचार प्रतिबंध लगाया है.
 

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