Durood sharif kiya hai: दुरूद शरीफ, जिसे सलवात या अस-सलातु अलन-नबी भी कहा जाता है, इस्लाम में एक अरबी वाक्यांश है, जिसका अर्थ है पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और उनके परिवार पर अल्लाह की रहमत और शांति के लिए प्रार्थना करना.
यह मुसलमानों के लिए एक आध्यात्मिक साधना है, जो अल्लाह के प्रति भक्ति और पैगंबर से जुड़ाव को मजबूत करती है और यह कई आशीर्वादों का स्रोत मानी जाती है.
दुआ मांगने से पहले दुरूद शरीफ क्यों पढ़ते हैं?
मुसलमान दुआ मांगने से पहले दुरूद शरीफ इसलिए पढ़ते हैं क्योंकि यह अल्लाह की रहमत और शांति के लिए पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) पर दुआ करने की एक विधि है और एक हदीस के अनुसार, जब तक पैगंबर पर दुरूद नहीं पढ़ा जाता, तब तक दुआएं अल्लाह तक नहीं पहुंचतीं.
दुरूद पढ़ने से अल्लाह से निकटता बढ़ती है, दुआओं की स्वीकार्यता सुनिश्चित होती है और यह पैगंबर के प्रति प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करने का एक तरीका है.
दुआ मांगने से पहले दुरूद शरीफ पढ़ने के कारण
दुआ मांगने से पहले दुरूद शरीफ पढ़ना यह सुनिश्चित करता है कि आपकी दुआ कबूल हो क्योंकि अल्लाह और उसके फ़रिश्ते पैगंबर मुहम्मद पर दुरूद भेजते हैं.
दुरूद शरीफ पढ़ने से अल्लाह से आपकी दुआएं स्वीकार होने की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि यह दुआ को मजबूत बनाता है और अल्लाह की कृपा प्राप्त करने का एक तरीका है.
अल्लाह के हुक्म का पालन
कुरान में अल्लाह तआला ने खुद पर और फरिश्तों पर भी दुरूद भेजने का हुक्म दिया है (सूरह अल-अहजाब, आयत 56).
पैगंबर मुहम्मद से निकटता
दुरूद शरीफ पढ़ने से अल्लाह के रसूल से प्रेम बढ़ता है और उनके माध्यम से अल्लाह के और करीब आया जाता है.
दुआओं की कबूलियत
हदीस के अनुसार, जब आप पैगंबर मुहम्मद आप पर दुरूद भेजते हैं, तो अल्लाह आप पर दस गुना रहमतें भेजता है और यह आपकी दुआओं के पूरा होने का जरिया बनता है.
गुनाहों की माफी
दुरूद पढ़ने से गुनाह माफ होते हैं और अल्लाह के दर्जे को बढ़ाने का जरिया बनता है, जैसा कि एक हदीस में बताया गया है.
इज्जत और बरकत
दुरूद पढ़ने वाले को अल्लाह की रहमतें मिलती हैं, दिल में दया और रोशनी पैदा होता है जिससे खुशियाँ हासिल होती हैं.
पैगंबर मुहम्मद के लिए सिफारिश
पैगंबर मुहम्मद को दुरूद भेजकर आप अल्लाह से अपनी जरूरतें पूरी करने की सिफारिश करने की इच्छा भी प्रकट कर सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.