Menstrual Health: भारत में कई धार्मिक मान्यताएं आज भी देखने और सुनने को मिलती रहती हैं. इनमें से ही एक मान्यता है कि महिलाओं और लड़कियों को पीरियड्स के दौरान कुछ चीजों की मनाही होती है, जैसे कि उन्हें मंदिरों में नहीं जाने दिया जाता, पूजा-पाठ से भी उन्हें अलग रखा जाता है. इसके पीछे लोग अपनी संस्कृति और सभ्यता के अनुसार जवाब देते रहते हैं. लेकिन आज हम आपको धर्म से हटकर मेडिकल के हिसाब से बताते हैं कि क्या पीरियड्स में लड़कियों को मंदिर में नहीं जाने देना चाहिए.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
डॉक्टर पीरियड्स में पूजा को लेकर कहते हैं कि इस दौरान मंदिरों में जाया जा सकता है, यह एक नेचुरल प्रक्रिया है, जो लड़की या महिला को होती है. इससे किसी तरह की कोई अशुद्धि या गंदगी नहीं है, जिसके चलते उन्हें मंदिरों में न जाने दिया जाए, या उन्हें पूजा में न बैठने दिया जाए. श्री कृष्ण मिशन हॉस्पिटल डॉक्टर अवधेश उपाध्याय बताते हैं कि कई लोगों के मन में सवाल रहता है कि इस दौरान जो खून आता है, क्या वह गंदा नहीं होता?, क्या इसके बाद पूजा किया जा सकता है?. लेकिन आपको यह जानना होगा कि पीरियड्स का खून गंदा नहीं होता है, हर महीने यह शरीर का नेचुरल प्रोसेस होता है. शरीर अपने आप को इस तरह से तैयार करता है कि अगर बच्चा पैदा होने वाला हो, तो उसे कोई तकलीफ न हो. लेकिन शरीर में बच्चा न होने पर वह उस तैयारी को छोड़ देता है और खून के साथ बाहर निकल जाता है. इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि पीरियड्स का खून गंदा होता है.
पीरियड्स में पूजा करने के लिए जरूरी बातें
अब जब मेडिकल के हिसाब से यह क्लियर हो चुका है कि पीरियड्स में पूजा करने से कोई दिक्कत नहीं होती है, तो चलिए आपको बताते हैं कि आप अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए क्या-क्या कर सकती हैं. इसमें सबसे पहले आता है सफाई, पूजा करने से पहले अपने शरीर और हाथ को अच्छे से धो लें. पूजा करने वाली जगह को साफ-सुथरा रखें. पूजा ध्यान से करें, बिना मन में यह ख्याल लाए हुए कि मैं पूजा-पाठ कर सकती हूं या नहीं.
धार्मिक दृष्टि से क्यों होती है मनाही
अगर धार्मिक दृष्टि से देखा जाए, तो पीरियड्स का समय महिलाओं के लिए अशुद्ध समय माना जाता है. कई विद्वानों के अनुसार, इस दौरान मंदिर नहीं जाना चाहिए, वहीं कई इसको लेकर सहमत नहीं दिखते हैं. जो मंदिर न जाने के पक्ष में होते हैं, उनका कहना है कि शास्त्रों के अनुसार इन दिनों में महिलाओं को पूजा-पाठ या अन्य किसी धार्मिक अनुष्ठानों में भाग नहीं लेना चाहिए.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.