
दिवाली पर सोना-चांदी खरीदने का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है, क्योंकि इसे देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद, धन-समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. यह एक सुरक्षित वित्तीय निवेश भी है, जो समय के साथ मूल्य बढ़ाता है और मुद्रास्फीति से सुरक्षा प्रदान करता है. यह परंपरा भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी से जुड़ी है, जो स्वास्थ्य और धन के देवता हैं.

दिवाली पर झाड़ू खरीदना देवी लक्ष्मी को घर में आकर्षित करने और धन-समृद्धि लाने का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि झाड़ू खरीदने से घर में सुख-शांति आती है, दरिद्रता दूर होती है और माता लक्ष्मी का स्थायी वास होता है. यह घर की साफ-सफाई और सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा है, क्योंकि मां लक्ष्मी स्वच्छ और सकारात्मक वातावरण में ही वास करती हैं.

दिवाली पर दीये और दीपक जलाना अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की जीत का प्रतीक है, जो मां लक्ष्मी को आकर्षित करता है और घर में सुख-समृद्धि लाता है. यह दीपावली के त्योहार के इतिहास से भी जुड़ा है, जब भगवान राम के अयोध्या लौटने पर लोगों ने खुशी में दीये जलाए थे. दीये खरीदना न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह परंपरा को बढ़ावा देता है और मिट्टी के काम से जुड़े लोगों के लिए आजीविका का साधन भी बनता है.

दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदना सुख-समृद्धि और बुद्धि की प्राप्ति के लिए होता है, क्योंकि लक्ष्मी धन-वैभव और गणेश बुद्धि के देवता हैं. यह समृद्धि और ज्ञान का प्रतीक है, जो जीवन को सही दिशा देता है. मूर्ति खरीदते समय उन्हें अलग-अलग होना चाहिए, गणेशजी की सूंड बाईं ओर मुड़ी होनी चाहिए और वे हाथ में लड्डू या मोदक लिए हों, साथ ही लक्ष्मी जी कमल पर विराजित हों.

दिवाली पर खील-बताशे खरीदना धार्मिक परंपरा, धन-धान्य के आशीर्वाद और रिश्तों में मिठास बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. ये देवी लक्ष्मी को चढ़ाने से धन-समृद्धि मिलती है और यह शुक्र ग्रह से भी जुड़ा है. इन्हें शुभता, पवित्रता और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है.

दिवाली पर नारियल खरीदना धन, सौभाग्य और सुख-समृद्धि को आकर्षित करने के लिए शुभ माना जाता है, क्योंकि यह देवी-देवताओं और शुभता का प्रतीक है, विशेषकर माँ लक्ष्मी का. पूजा में नारियल चढ़ाने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और इसे तिजोरी में रखने से आर्थिक संकट दूर होते हैं व घर में स्थाई समृद्धि बनी रहती है.

दिवाली पर नए कपड़े खरीदना शुभ, समृद्धिदायक और नवीनीकरण का प्रतीक माना जाता है, जिससे घर में सकारात्मकता आती है और रिश्तों में ताजगी आती है. नए वस्त्र पहनकर पूजा-पाठ करने से मां लक्ष्मी और कुबेर देवता प्रसन्न होते हैं, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और शुक्र ग्रह मजबूत होता है. यह परंपरा उत्सव की भावना को दोगुना करती है और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ाती है.
Published at : 06 Oct 2025 08:00 AM (IST)