इज़रायल और हमास के अधिकारी गाजा में युद्ध खत्म करने की अमेरिका समर्थित योजना पर सहमति बनाने के लिए मिस्र के रिसॉर्ट शहर शर्म अल-शेख में अप्रत्यक्ष वार्ता कर रहे हैं. फिलिस्तीनी और मिस्र के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चर्चा एक एक्सचेंज डील के लिए ज़मीनी हालात बनाने पर केंद्रित है, जिसके तहत कई फिलिस्तीनी कैदियों के बदले सभी इज़रायली बंधकों को रिहा किया जाएगा.
हमास ने कहा कि वह ‘राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्ताव में शामिल एक्सचेंज फॉर्मूले के मुताबिक, सभी जिंदा और मृत इज़रायली कैदियों को रिहा करने’ पर सहमत हो गया है, बशर्ते जरूरी शर्तें पूरी हों. हालांकि, हमास ने कई प्रमुख विवादास्पद मुद्दों पर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है, जिनमें निरस्त्रीकरण और गाजा में उसकी भविष्य की राजनीतिक भूमिका की मांगें शामिल हैं.
इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि उन्हें आने वाले दिनों में बंधकों की रिहाई की घोषणा करने की उम्मीद है.
मिस्र और कतर के मध्यस्थों द्वारा दोनों पक्षों के डेलिगेशन्स के बीच कूटनीति का संचालन करने की उम्मीद है. यह वार्ता 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इज़रायल पर हमास के नेतृत्व वाले हमले की दूसरी बरसी के बीच हो रही है, जिसमें करीब 1,200 लोग मारे गए थे और 251 बंधक बनाए गए थे.
गाजा के हमास-संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, तब से इज़रायली सैन्य अभियानों में फिलिस्तीन में 67,160 लोग मारे गए हैं.
वार्ता में कौन-कौन शामिल?
अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ, व्हाइट हाउस के पूर्व सलाहकार जेरेड कुशनर और कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी इस वार्ता में भाग लेने वालों में शामिल हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सभी पक्षों से ‘तेज़ी से आगे बढ़ने’ की गुजारिश की और कहा कि उन्हें बताया गया है कि योजना का पहला चरण इस हफ्ते पूरा हो जाना चाहिए, जो बंधकों की रिहाई पर केंद्रित है. उन्होंने यह भी धमकी दी कि अगर हमास उनकी शांति योजना के मुताबिक गाजा में सत्ता और नियंत्रण नहीं छोड़ता है, तो उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा.
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इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा स्वीकृत अमेरिका समर्थित 20-सूत्रीय शांति योजना में तत्काल युद्धविराम और सैकड़ों फ़िलिस्तीनी कैदियों के बदले 48 बंधकों (जिनमें से केवल 20 के जीवित होने की संभावना है) की रिहाई का आह्वान किया गया है.
हालांकि, नेतन्याहू ने फ़िलिस्तीनी राज्य की दिशा में किसी भी कदम को सार्वजनिक रूप से अस्वीकार कर दिया है, और हाल ही में एक बयान में अपने विरोध जताया है. उन्होंने कहा, “समझौते में ऐसा नहीं लिखा है. हमने कहा था कि हम फ़िलिस्तीनी राज्य का कड़ा विरोध करेंगे.”
बातचीत शुरू होने के बावजूद, गाजा के कई इलाकों में इज़रायली बमबारी जारी रही. आईडीएफ ने गाजा शहर में अपना आक्रमण जारी रखा है, जिसके बारे में उनका दावा है कि बचे बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है.
(एजेंसी के इनपुट के साथ)
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