Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर क्यों छन्नी से देखते हैं पति का चेहरा? हैरान कर देगी ये वजह – karwa chauth 2025 date why women use chhanni to watch husband face moonrise time in india tvisu

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर क्यों छन्नी से देखते हैं पति का चेहरा? हैरान कर देगी ये वजह – karwa chauth 2025 date why women use chhanni to watch husband face moonrise time in india tvisu


Karwa Chauth 2025: इस साल करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा. इस दिन देशभर में सुहागनें पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. कहते हैं कि करवा चौथ पर व्रत रखने से पति की आयु लंबी होती है और घर परिवार में सुख-संपन्नता बनी रहती है. आपने देखा होगा कि करवा चौथ के दिन महिलाएं चंद्र दर्शन के बाद छन्नी से पति का चेहरा भी देखती हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि शादीशुदा महिलाएं क्यों छन्नी से अपने पति का चेहरा देखती हैं.

करवा चौथ की तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को रखा जाता है. इस साल यह तिथि 9 अक्टूबर की रात 10 बजकर 54 मिनट से लेकर 10 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 38 मिनट तक रहने वाली है. करवा चौथ पर शाम के समय पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 56 मिनट से शाम 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. 

दरअसल, जिस छन्नी से चंद्र दर्शन और पति का चेहरा देखा जाता है, उसमें हजारों छेद होते हैं. इसलिए छन्नी से चांद देखने पर उसके छिद्र जितने ही प्रतिबिंब बनते हैं. ऐसे में मान्यताएं हैं कि जब करवा चौथ पर छन्नी से पति का चेहरा देखा जाता है तो पति की आयु भी कई गुना बढ़ जाती है. यही कारण है कि करवा चौथ की रात चंद्र दर्शन के बाद महिलाएं छन्नी से पति का चेहरा जरूर देखती हैं.

कितने बजे निकलेगा करवा चौथ का चांद?
करवा चौथ पर सुहागनें चांद देखने के बाद ही पति के हाथ से पानी पीकर उपवास खोलती हैं. इस साल करवा चौथ पर चांद निकलने का समय रात 08.14 बजे बताया जा रहा है. हालांकि भारत के अलग-अलग शहरों में चांद निकलने का समय अलग हो सकता है.

करवा चौथ पर छन्नी से कैसे देखें पति का चेहरा?
करवा चौथ पर शाम के समय शुभ मुहू्र्त में पूजा-पाठ कर लें. देवी-देवताओं को फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित करने के बाद एक थाली तैयार करें और उसमें रोली, अक्षत, दीपक और पानी को लोटा रख लें. इसके बाद सबसे पहले चंद्रमा को प्रणाम करें और व्रत के सफल और फलदायी होने की कामना करें. इसके बाद लोटे से जल चढ़ाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. फिर दीये को छन्नी में रखकर चंद्र दर्शन करें. इसी तरह छन्नी से पति का चेहरा भी देखें और उनकी दीर्घायु की प्रार्थना करें. अब पति के हाथ से जल ग्रहण करके उपवास खोल लें.

—- समाप्त —-



Source link

Leave a Reply