
छोटे अनमॉनीन्ड एयरक्राफ्ट (माइक्रो-ड्रोन) अब reconnaissance से लेकर सटीक हमलों तक के काम कर रहे हैं. जब ये अकेले उड़ते हैं तो भी खतरनाक हैं लेकिन असली शक्ति तब दिखती है जब सैकड़ों छोटे-छोटे ड्रोन मिलकर स्वार्म बनाते हैं एक साथ हमला, बाधा या सूचना जुटाना. स्वार्म के सामने पारंपरिक डिफेंस सिस्टम भी चकरा सकते हैं क्योंकि इन्हें एक बार में रोकना मुश्किल होता है.

छोटे आकार के हथियार जो लंबी दूरी तक फेंके नहीं जाते पर लक्ष्य के नजदीक पहुंचकर खुद को नष्ट कर देते हैं इन्हें कभी-कभी लूटरिंग म्यूनिशन कहा जाता है.

ये कम लागत पर सटीक निशाना लगा सकते हैं और शहरी इलाकों में अप्रत्याशित नुकसान पहुंचा सकते हैं. छोटे आकार की वजह से इन्हें छुपाना और तैनात करना आसान होता है.

सबसे छोटे पर सबसे प्रभावी हथियारों में सायबर हमला भी शामिल हैं. एक सॉफ्टवेयर की एक लाइन, गलत कोड या मैलवेयर से बिजली ग्रिड, बैंकिंग सिस्टम या सैन्य संचार ठप हो सकते हैं.

Stuxnet जैसे ऐतिहासिक उदाहरण दिखाते हैं कि डिजिटल हमले भौतिक दुनिया में भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं बिना मलबा फैलाए, पर भारी आर्थिक और रणनीतिक असर डालकर दुश्मन के इंजीनियरों और रणनीतियों को हिला सकते हैं.

नैनो-टेक्नॉलॉजी से जुड़ी चिंताएं भी बढ़ रही हैं बहुत छोटे, अपने आप को नष्ट करने वाले डिवाइस जो जासूसी या निशाना-नुमा बदलाव कर सकते हैं. हालांकि वास्तविकता में नीतिगत और तकनीकी बाधाएं हैं पर शोध और चिंतन यह दिखाता है कि भविष्य में छोटे पैकेट में बड़े प्रभाव वाली तकनीकें आ सकती हैं इसलिए नियम और निगरानी जरूरी है.
Published at : 08 Oct 2025 09:24 AM (IST)