14 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी
- कॉपी लिंक

‘सर्च : द नैना मर्डर केस’ एक क्राइम थ्रिलर है जो दिखने में भले सीधी-सादी लगे, लेकिन इसके भीतर कई सवाल सत्ता, समाज और इंसानियत से जुड़े हुए छिपे हैं।
रोहन सिप्पी ने इस कहानी को सच्चाई के करीब रखकर बताया है, मगर वही पुरानी ट्रॉप्स और राजनीति वाले मोड़ सीरीज को कहीं-कहीं अनुमानित बना देते हैं।
फिर भी, एक चीज जो पूरी मजबूती से टिकी रहती है वो है कोंकणा सेन शर्मा की बेहतरीन परफॉर्मेंस।
सीरीज की कहानी सीरीज
सीरीज की कहानी एसीपी संयुक्ता दास (कोंकणा सेन शर्मा) की है, जो अपने ट्रांसफर से ठीक पहले एक बड़े मर्डर केस में उलझ जाती हैं। एक कॉलेज गर्ल ‘नैना’ की लाश एक पॉलिटिशियन की कार में मिलती है, और पूरा मामला मीडिया और जनता के बीच हंगामे का कारण बन जाता है। संयुक्ता को केस सुलझाने की जिम्मेदारी मिलती है, लेकिन इस सफर में वो अपने निजी रिश्तों, सिस्टम के दबाव और सच्चाई के बीच फंसी नजर आती हैं।
कहानी की शुरुआत दिलचस्प है, लेकिन बीच के हिस्सों में कुछ पुराने और घिसे-पिटे एंगल दिखाई देते हैं। फिर भी, इंसानी पहलुओं और पुलिस की संवेदनशील झलक सीरीज को भावनात्मक रूप से जुड़ा रखती है।

सीरीज में एक्टिंग
कोंकणा सेन शर्मा एक बार फिर साबित करती हैं कि वो किरदारों को सिर्फ निभाती नहीं, जीती हैं। उनके चेहरे के भाव और संवादों की सादगी ही इस सीरीज का सबसे मजबूत हिस्सा हैं। एक सख्त अफसर और भावनाओं से भरी मां के बीच उनका संतुलन देखने लायक है।
सूर्या शर्मा ने जोशीले पुलिस ऑफिसर जय कंवल के किरदार में ठीक-ठाक काम किया है, वो शुरुआत में थोड़ा बनावटी लगते हैं, लेकिन बाद में सहज हो जाते हैं।
बाकी कलाकार जैसे शिव पंडित, श्रद्धा दास, गोविंद नामदेव और इरावती हर्षे ने अपने हिस्से का काम ईमानदारी से किया है।
सीरीज का डायरेक्शन और तकनीकी पहलू
रोहन सिप्पी का डायरेक्शन सधा हुआ है वो कहानी को जमीन से जोड़े रखते हैं। कैमरा वर्क और बैकग्राउंड म्यूजिक माहौल को थ्रिलिंग बनाए रखते हैं। हालांकि, स्क्रिप्ट कई जगह पर पहले से देखी-जानी वाली मर्डर मिस्ट्री जैसी लगती है। राजनीति और मीडिया वाला एंगल कहानी को थोड़ा भारी बना देता है, और क्लाइमेक्स में उतना इम्पैक्ट नहीं छोड़ता जितनी उम्मीद रहती है।

सीरीज में क्या है खास
-कोंकणा सेन शर्मा की नेचुरल और दिल छू लेने वाली एक्टिंग।
-रियलिस्टिक ट्रीटमेंट और इमोशनल टोन।
-पुलिस और समाज की असली झलक।
सीरीज में कमियां
-कहानी में नयापन की कमी।
-राजनीति और मीडिया ट्रैक पुराने लगते हैं।
-क्लाइमेक्स में थ्रिल कम हो जाता है।
क्यों देखनी चाहिए सीरीज
‘सर्च : द नैना मर्डर केस’ में सब कुछ परफेक्ट नहीं है, लेकिन कोंकणा की परफॉर्मेंस इसे एक बार देखने लायक जरूर बनाती है। यह सीरीज न तो बहुत अलग है, न बहुत धीमी बस बीच का रास्ता अपनाती है। अगर आप इमोशनल गहराई के साथ एक सधी हुई क्राइम स्टोरी देखना चाहते हैं, तो इसे एक बार जरूर ट्राई किया जा सकता है