बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अब भी सहमति नहीं बन पाई है. तकरार इस कदर बढ़ गई है कि अब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव दिल्ली पहुंच रहे हैं, जहां उनकी राहुल गांधी से मुलाकात तय मानी जा रही है. पटना में लगातार बैठकों के बावजूद बात नहीं बन पा रही, इसलिए अब फैसला दिल्ली स्तर पर किया जाएगा.
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने राजद के 50 सीटों के ऑफर को ठुकरा दिया है और कांग्रेस 60 सीटों पर लड़ने को अड़ी है. वहीं कांग्रेस ने राजद को अगले 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है कि सीट शेयरिंग पर फाइनल फैसला करिए नहीं तो कांग्रेस पहले चरण को लेकर अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी.
वहीं आरजेडी 130 से 138 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है और वह किसी सहयोगी दल के दबाव में आने को तैयार नहीं है. पार्टी का कहना है कि गठबंधन में उसका जनाधार सबसे बड़ा है, इसलिए टिकटों का बंटवारा भी उसी अनुपात में होना चाहिए.
कांग्रेस को 50 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं आरजेडी
कांग्रेस को लेकर सबसे बड़ा विवाद सामने आया है. आरजेडी कांग्रेस को 50 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है, जबकि कांग्रेस अपने पुराने जनाधार और सिटिंग सीटों के आधार पर अधिक हिस्सेदारी चाहती है. इतना ही नहीं, तेजस्वी यादव की नजर कांग्रेस की कुछ मौजूदा सीटों पर भी है, जिससे दोनों दलों के बीच तनातनी बढ़ गई है.
उधर, पशुपति पारस की पार्टी के साथ भी आरजेडी की बातचीत अटक गई है. पारस आठ सीटों की मांग पर अड़े हैं, लेकिन तेजस्वी यादव ने उन्हें अपनी पार्टी का विलय करने का ऑफर दे डाला. इसके बाद पारस की पार्टी ने आपात बैठक बुला ली है.
लेफ्ट दलों के साथ भी बढ़ी समीकरण को लेकर मुश्किल
लेफ्ट दलों के साथ भी समीकरण मुश्किल हैं. सीपीआई (एमएल) 30 सीटों की मांग कर रही है, लेकिन तेजस्वी 22 से ज्यादा देने को तैयार नहीं. सीपीआई 24 सीटों की लिस्ट लेकर आई है, मगर आरजेडी केवल सात सीटें छोड़ने पर अड़ी है. इसी तरह सीपीएम 10 सीटों की मांग कर रही है, लेकिन तेजस्वी पांच सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं हैं. वहीं मुकेश सैनी को भी 30 सीटों की चाह है, पर आरजेडी ने उन्हें केवल 18 सीटों का प्रस्ताव दिया है.
बीजेपी और सहयोगी दलों के बीच नहीं हुआ कोई समझौता
इधर, एनडीए खेमे में भी सीट बंटवारे पर पेच फंसा हुआ है. दिल्ली में लगातार बैठकें चल रही हैं. सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान 29 सीटों, उपेंद्र कुशवाहा सात सीटों और जीतन राम मांझी भी अपने हिस्से की सीटों को लेकर अड़े हुए हैं. बीजेपी नेताओं और सहयोगी दलों के बीच अभी तक कोई अंतिम समझौता नहीं हो सका है.
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 14 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. लेकिन चुनावी तारीख नजदीक आने के बावजूद सीटों का समीकरण अब तक अधर में लटका हुआ है.