हमारे शरीर में कई जरूरी अंग होते हैं, लेकिन आंखें सबसे अहम हिस्सों में से एक हैं. हम जो कुछ भी देखते हैं, समझते हैं, पढ़ते हैं, उसका सीधा कनेक्शन हमारी आंखों से होता है. अगर आंखों की सेहत खराब हो जाए, तो जिंदगी की क्वालिटी पर असर पड़ता है. इसलिए आंखों की देखभाल करना बहुत जरूरी है. लेकिन बहुत से लोग ये नहीं जानते कि आंखों की सेहत का एक बड़ा रिश्ता हमारी नींद से भी जुड़ा है यानी अगर आप रात को ठीक से नहीं सोते, तो इसका असर आपकी आंखों पर भी पड़ता है और आपको जल्दी चश्मा लग सकता है या आंखों में दूसरी दिक्कतें भी हो सकती हैं. नींद की कमी सिर्फ शरीर को थकाती नहीं है, बल्कि आंखों की सेहत को भी सीधा नुकसान पहुंचाती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि रात को अच्छे से सोते नहीं तो भी कैसे चश्मा लग सकता है और इसका आंखों से कनेक्शन क्या है.
नींद का आंखों से क्या है कनेक्शन?
जब हम सोते हैं, तब हमारा शरीर खुद को रिपेयर करता है. दिनभर की थकान, तनाव और काम से शरीर के अलग-अलग हिस्सों में खिंचाव आता है. नींद ही वो समय होता है जब हमारा शरीर और हमारी आंखें खुद को ठीक करने का काम करती हैं. आंखों के चारों ओर एक पतली परत होती है जिसे टियर फिल्म कहते हैं. ये आंखों को नमी देती है और उन्हें सूखने से बचाती है. जब हम दिनभर मोबाइल, लैपटॉप या टीवी पर स्क्रीन देखते हैं, तो ये टियर फिल्म ड्राई और कमजोर हो जाती है. लेकिन जब हम रात को अपनी आंखें बंद करके सोते हैं, तो यह परत खुद को रिपेयर करने लगती है. ऐसे में 7 से 8 घंटे की गहरी और सही समय पर ली गई नींद न सिर्फ आपके दिमाग और शरीर को फ्रेश बनाती है, बल्कि आपकी आंखों की सेहत को भी दुरुस्त रखती है.
रात को अच्छे से सोते नहीं तो भी कैसे चश्मा लग सकता है?
अगर आप रात को देर तक जागते हैं, मोबाइल चलाते रहते हैं, या ठीक से नहीं सोते, तो आपकी आंखों को रिपेयर होने का समय नहीं मिलता है. इससे ड्राई आइज, जलन, खुजली, धुंधला दिखना जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं. नींद की कमी से आंखों में थकावट दिखती है, डार्क सर्कल्स आ जाते हैं और धीरे-धीरे नजर कमजोर होने लगती है. इसका मतलब है कि आपको जल्दी चश्मा लग सकता है जो लोग देर रात तक स्क्रीन देखते हैं, खासकर अंधेरे में, उनकी आंखों पर ज्यादा जोर पड़ता है. अंधेरे कमरे में मोबाइल या लैपटॉप की तेज रोशनी आंखों पर दबाव डालती है और आंखें जल्दी थक जाती हैं. यही नहीं, कई बार लोग सुबह उठते हैं तो उन्हें आंखों में भारीपन और खुश्की महसूस होती है. हमारा शरीर एक सर्कैडियन रिदम से चलता है, मतलब शरीर को एक तय समय पर सोने और जागने की आदत होती है. अगर आप रोज एक ही समय पर सोते और जागते हैं तो शरीर अच्छी तरह से रिकवर करता है.
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