
AI की मदद से 6G नेटवर्क न सिर्फ तेज़ होगा बल्कि पहले से कहीं ज़्यादा स्थिर भी. मित्तल के अनुसार, आने वाले 6G नेटवर्क में एआई आधारित ‘एजेंटिक एआई’ तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा जो नेटवर्क को खुद समझने और खुद को बेहतर करने में सक्षम बनाएगी. इसका सीधा असर यूजर्स के अनुभव पर पड़ेगा कॉल की आवाज़ और क्वालिटी पहले से ज़्यादा साफ होगी जबकि इंटरनेट स्पीड इतनी तेज़ होगी कि भारी-भरकम फाइलें भी कुछ सेकंड में डाउनलोड हो जाएंगी.

मित्तल ने यह भी माना कि जहां एआई भविष्य को आसान बना रहा है वहीं इसके दुरुपयोग का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि डीपफेक वीडियो, आवाज की नकल और ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे मामलों में एआई का इस्तेमाल चिंता का विषय बन चुका है. अगर इस पर समय रहते नियंत्रण नहीं रखा गया तो यह तकनीक लोगों के लिए परेशानी भी खड़ी कर सकती है.

इसी खतरे को देखते हुए, दूरसंचार विभाग ने एक एआई-आधारित सुरक्षा टूल तैयार किया है जो ऑनलाइन ठगी और संदिग्ध लेनदेन की पहचान करने में सक्षम है. इस टूल की मदद से अब तक 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी रोकी जा चुकी है और 48 लाख से अधिक फर्जी लेनदेन ब्लॉक किए जा चुके हैं. यह तकनीक समझ पाती है कि कौन सा ट्रांजैक्शन सही है और कौन संदिग्ध जिससे यूजर्स के पैसे सुरक्षित रहते हैं.

मित्तल ने बताया कि भारत सरकार ‘इंडिया एआई मिशन’ के तहत एआई को सही दिशा में बढ़ावा दे रही है. 1.25 अरब डॉलर की इस पहल का उद्देश्य है सुरक्षित एआई सिस्टम, रिसर्च और स्टार्टअप्स को मजबूती देना ताकि भारत एआई और 6G तकनीक दोनों में वैश्विक नेतृत्व हासिल कर सके.

स्पष्ट है कि जब 6G का दौर आएगा तो यह सिर्फ एक नेटवर्क नहीं बल्कि एक स्मार्ट, स्व-प्रबंधित और एआई संचालित कनेक्टिविटी सिस्टम होगा जो इंटरनेट अनुभव को पूरी तरह नई ऊंचाइयों तक पहुंचा देगा.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 6G की स्पीड 5G के मुकाबले करीब 50 से 100 गुना ज्यादा होगी. जहां 5G में अधिकतम 10GBPS की डाउनलोड स्पीड मिलती है तो वहीं 6G में यह स्पीड बढ़कर 1TBPS तक पहुंच सकती है. इस हिसाब से बड़ी से बड़ी फाइल 6G में एक सेकेंड से भी कम समय में डाउनलोड हो जाएगी.
Published at : 12 Oct 2025 11:43 AM (IST)