अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति के छह महीने बाद, गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी उपभोक्ता अब आयात शुल्क (टैरिफ) की 55% तक कीमत चुका रहे हैं और यह आंकड़ा जल्द ही 70% तक पहुंच सकता है. गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि अमेरिकी उपभोक्ताओं को ट्रंप के टैरिफ के आधे से अधिक का भुगतान करना पड़ रहा है. यानी अमेरिकियों के साथ आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया जैसा हाल हो रहा है.
ट्रंप प्रशासन ने इन टैरिफ को चीन को आर्थिक रूप से चोट पहुंचाने के लिए लागू किया था, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार इसका सीधा असर अब अमेरिकी उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ रहा है. अप्रैल में ट्रंप के “लिबरेशन डे” भाषण के बाद से फर्नीचर से लेकर खाने-पीने की चीजों तक की कीमतें लगातार बढ़ी हैं.
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गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि अगर ट्रंप अपने नए टैरिफ खतरों को भी लागू करते हैं, तो महंगई फिर से बढ़ेगी और आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ेंगी. रिपोर्ट बताती है कि अब तक ट्रंप प्रशासन ने कॉपर, स्टील, एल्युमिनियम, और ऑटो पार्ट्स पर भारी टैरिफ लगाए हैं. चीन पर 28% और अन्य देशों पर 16% तक का शुल्क लगाया गया है.
अप्रैल से बढ़ रहा कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स
अमेरिकी ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स (BLS) के मुताबिक, अप्रैल से अब तक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) लगातार बढ़ रहा है और अगस्त में यह 2.93% पर पहुंच गया था. वहीं, फेडरल रिजर्व द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक अलग मापदंड भी 2% के लक्ष्य से ऊपर, यानी 2.7% तक पहुंच गया है.
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पोषण सहायता कार्यक्रमों पर हो सकता ट्रंप प्रशासन का फोकस
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भले ही ट्रंप प्रशासन महंगाई घटाने का वादा कर रहा हो, लेकिन फिलहाल कीमतों में गिरावट के कोई संकेत नहीं हैं. इस बीच, व्हाइट हाउस टैरिफ से मिली अरबों डॉलर की कमाई का कुछ हिस्सा पोषण सहायता कार्यक्रमों में लगाने की योजना बना रहा है, जो सरकारी शटडाउन से प्रभावित हुए हैं.
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